वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की दो दिवसीय बैठक बुधवार को समाप्त हो गई। इस दौरान क्षतिपूर्ति की अवधि को 30 जून के बाद भी बढ़ाने को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका। हालांकि कम से कम दो दर्जन राज्यों ने यह मुद्दा उठाया। यह क्षतिपूर्ति जीएसटी की व्यवस्था लागू होने के बाद राज्यों को रही राजस्व हानि की भरपाई के लिए दी जा रही थी। पांच वर्ष के लिए की गयी यह व्यवस्था 30 जून को समाप्त हो रही है।
हालांकि बैठक के दौरान जीएसटी दर के ढांचे को सहज बनाने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। इसके लिए कुछ वस्तुओं एवं सेवाओं की दरों को संशोधित किया गया जबकि व्यापक खपत वाली कई पैकेटबंद वस्तुओं पर दी जाने वाली रियायत को समाप्त करने का निर्णय लिया गया। यह व्यवस्था आगामी 18 जुलाई से लागू होगी। इस बीच परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग पर भी सट्टेबाजी के समान 28 फीसदी की दर से कर लगाने के मसले को टाल दिया। उसने मंत्रिसमूह को इस मसले पर दोबारा विचार करने के लिए 15 जुलाई तक का समय दिया है। परिषद अगस्त के पहले सप्ताह में मदुरै में आयोजित बैठक में इस विषय पर निर्णय लेगी।
जीएसटी परिषद की बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘क्षतिपूर्ति उपकर के मामले में 16 राज्यों ने अपनी बात कही। मोटे तौर पर उनका कहना यह था कि क्षतिपूर्ति को कुछ वर्षों तक जारी रखा जा सकता है। वे चाहते हैं कि पांच वर्ष नहीं तो भी कम से कम कुछ वर्ष तक यह व्यवस्था जारी रहे।’
उन्होंने कहा कि सभी राज्यों ने अवधि बढ़ाने की मांग नहीं की। तीन-चार राज्यों ने यह भी कहा कि वे क्षतिपूर्ति की व्यवस्था से परे राजस्व संग्रह की अपनी व्यवस्था निर्मित करना चाहते हैं।
केंद्र सरकार जहां लिए गये ऋण को चुकाने के लिए क्षतिपूर्ति उपकर को मार्च 2026 तक बढ़ाने के लिए सहमत हो गई थी, वहीं कई राज्यों (भाजपा शासित राज्यों सहित) ने इस व्यवस्था को कुछ साल बढ़ाने या राजस्व की कमी को दूर करने के लिए राजस्व साझेदारी के फॉर्मूले में बदलाव का आग्रह किया।
छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि परिषद को क्षतिपूर्ति को लेकर कुछ खाका या निर्देश देना चाहिए था और इस मामले को अनिर्णित नहीं छोड़ना चाहिए था। उत्तराखंड और पुदुच्चेरी जैसे भाजपा शासित राज्यों ने भी राहत की मांग की है और कहा है कि यह व्यवस्था समाप्त होने से उनका बजट बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने कहा कि राज्यों के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति व्यवस्था को बढ़ाया जाना चाहिए ताकि राजस्व नुकसान की भरपाई हो सके।
परिषद की बैठक में आये राजस्व वृद्धि के आंकड़ों के अनुसार 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से केवल पांच, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम ने ही 2021-22 के लिए जीएसटी के तहत संरक्षित राजस्व से अधिक राजस्व वृद्धि हासिल की।