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Al Falah चेयरमैन के खिलाफ ED की कार्रवाई, 415 करोड़ की अवैध कमाई की जांच

ED ने कहा कि सिद्दीकी के परिवार के सदस्य गल्फ देशों में बसे हैं, इसलिए उनके भागने का खतरा है।

Last Updated- November 19, 2025 | 12:59 PM IST
Delhi Red Fort Blast ED AL Falah chairman
Representative Image

Delhi Red Fort Blast Update: अल फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार रात को हिरासत में लिया। यह कार्रवाई फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ लंबे समय तक छापेमारी के बाद की गई। यूनिवर्सिटी की जांच 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए धमाके से जुड़ी है, जिसमें 15 लोग मारे गए और कई घायल हुए थे।

ED ने अदालत को बताया कि सिद्दीकी के पास 415.10 करोड़ रुपये की अवैध कमाई है, जो उन्होंने अपनी यूनिवर्सिटी और ट्रस्ट के माध्यम से छात्रों और उनके माता-पिता को झूठे मान्यता और एक्रेडिटेशन के नाम पर ठगी कर प्राप्त की।

एजेंसी ने कोर्ट से सिद्दीकी के 14 दिन के रिमांड की मांग की थी, ताकि पूरी जांच और अपराध से जुड़े फंड की रकम का पता लगाया जा सके। अदालत ने उन्हें 13 दिन के ED रिमांड पर भेज दिया है, जो 1 दिसंबर तक चलेगा।

ED ने कहा कि सिद्दीकी के परिवार के सदस्य गल्फ देशों में बसे हैं, इसलिए उनके भागने का खतरा है। उनके पास अधिक वित्तीय संसाधन और प्रभाव है और उनके खिलाफ गंभीर आर्थिक अपराधों का इतिहास है।

एजेंसी ने अदालत को बताया कि सिद्दीकी अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक और ट्रस्टी हैं और पूरे शैक्षिक संगठन पर उनका पूर्ण नियंत्रण है। उनके पास विश्वविद्यालय के स्टाफ, दाखिला रजिस्टर, फीस लेजर और आईटी सिस्टम को प्रभावित करने की शक्ति है, जिससे रिकॉर्ड को नष्ट या बदलने का खतरा है।

ED ने बताया कि अल फलाह समूह 1990 के दशक से तेजी से बढ़ा और एक बड़ा शैक्षिक समूह बन गया, लेकिन इसकी संपत्ति और वास्तविक वित्तीय रिकॉर्ड में असंगति पाई गई है।

सिद्दीकी के वकील ने अदालत में कहा कि उनके क्लाइंट को गलत तरीके से फंसाया गया है, लेकिन अदालत ने PMLA के तहत गिरफ्तारी और मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें 13 दिन के रिमांड पर भेज दिया।

ED ने दिल्ली पुलिस की दो FIRs को ध्यान में रखते हुए अल फलाह समूह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत मामला दर्ज किया है।

First Published - November 19, 2025 | 12:59 PM IST

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