facebookmetapixel
GST कट के बाद ₹9,000 तक जा सकता है भाव, मोतीलाल ओसवाल ने इन दो शेयरों पर दी BUY रेटिंग₹21,000 करोड़ टेंडर से इस Railway Stock पर ब्रोकरेज बुलिशStock Market Today: गिफ्ट निफ्टी से आज बाजार को ग्रीन सिग्नल! सेंसेक्स-निफ्टी में तेजी के आसारनेपाल में Gen-Z आंदोलन हुआ खत्म, सरकार ने सोशल मीडिया पर से हटाया बैनLIC की इस एक पॉलिसी में पूरे परिवार की हेल्थ और फाइनेंशियल सुरक्षा, जानिए कैसेStocks To Watch Today: Infosys, Vedanta, IRB Infra समेत इन स्टॉक्स पर आज करें फोकससुप्रीम कोर्ट ने कहा: बिहार में मतदाता सूची SIR में आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में करें शामिलउत्तर प्रदेश में पहली बार ट्रांसमिशन चार्ज प्रति मेगावॉट/माह तय, ओपन एक्सेस उपभोक्ता को 26 पैसे/यूनिट देंगेबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोले CM विष्णु देव साय: नई औद्योगिक नीति बदल रही छत्तीसगढ़ की तस्वीर22 सितंबर से नई GST दर लागू होने के बाद कम प्रीमियम में जीवन और स्वास्थ्य बीमा खरीदना होगा आसान

Coal stocks: जून में बिजली प्लांटों के पास कोयले का रिकॉर्ड स्टॉक, उत्पादन और परिवहन में सुधार

घरेलू कोयले का उत्पादन इस साल गर्मियों के महीनों में पिछले साल की तुलना में 8 से 10 फीसदी बढ़ी। देश के कुल कोयला भंडार में से आयातित कोयले की हिस्सेदारी 9 से 10 फीसदी है।

Last Updated- June 25, 2024 | 10:12 PM IST
Coal India

Coal stocks: इस साल जून की तपती गर्मी में बिजली की मांग बढ़ने और देसी कोयले की कमी का संकट होने के बावजूद देश के ऊर्जा संयंत्रों में कोयले की जबरदस्त आपूर्ति हुई। इस साल जून में पिछले साल की तुलना में 25 फीसदी ज्यादा और 2022 के जून के मुकाबले 71 फीसदी ज्यादा कोयले की आपूर्ति हुई। जून में बिजली की मांग 250 गीगावाट के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गई थी, फिर भी ताप बिजली संयंत्रों के पास औसतन 16 दिन की जरूरत के लिए कोयले का स्टॉक बना रहा।

घरेलू कोयले का उत्पादन इस साल गर्मियों के महीनों में पिछले साल की तुलना में 8 से 10 फीसदी बढ़ी। बिजली संयंत्रों के पास कोयले की बेहतर उपलब्धता की प्रमुख वजह इसके परिवहन में आने वाली बाधाओं को दूर करना रहा। देश के कुल कोयला भंडार में से आयातित कोयले की हिस्सेदारी 9 से 10 फीसदी है।

कोयला मंत्रालय के वरिष्ठ अ​धिकारियों ने कहा कि अक्टूबर 2023 में चालू होने वाले पूर्वी समर्पित मालवहन गलियारे (ईडीएफसी) की बदौलत कोयले की आपूर्ति में सुधार हुआ। एक वरिष्ठ अ​धिकारी ने कहा, ‘ईडीएफसी मार्ग पर कोयले के रैक की आवाजाही की रफ्तार तीन गुनी बढ़ी है।

ईडीएफसी के कारण मुगलसराय-सोननगर से लेकर दिल्ली-पंजाब के रास्ते में लगने वाली जाम की समस्या काफी हद तक दूर हुई है।’ रेलवे के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में ईडीएफसी के मार्ग और आसपास 20 ताप बिजली संयंत्र हैं और इन संयंत्रों के पास कोयले का औसत स्टॉक 25 दिन की जरूरत को पूरा करने जितना है। कुछ बिजली संयंत्रों के पास 36 दिन की जरूरत का कोयला उपलब्ध है।

1,300 किलोमीटर लंबा ईडीएफसी को चरणबद्ध तरीके से खोला गया है और पंजाब के लु​धियाना तथा बिहार में सोननगर के बीच इस पर परिचालन शुरू हो गया है। यह गलियारा सीधे तौर पर कोयले से समृद्ध इलाकों को नहीं जोड़ता है मगर यह भारतीय रेल यात्री ट्रैक और अन्य मालवहन सेवाओं के जरिये ईडीएफसी लाइनों तक कोयला पहुंचाना सुनि​श्चित किया है।

रेलवे के अ​धिकारियों के अनुसार ईडीएफसी के चालू होने से रेलवे को उत्तर प्रदेश के बिजली घरों तक ज्यादा मात्रा में कोयले की आपूर्ति करने में मदद मिली। इस राज्य में सबसे ज्यादा बिजली के उपभोक्ता हैं। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 28 गीगावाट बिजली की मांग है, जो औद्योगिक राज्यों से भी ज्यादा है।

मई में भारतीय रेल ने 9 फीसदी ज्यादा 7.2 करोड़ टन कोयले की ढुलाई की। ईडीएफसी मार्ग में आने वाले बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति करने की प्रमुख जिम्मेदारी धनबाद डिविजन की है। एक अ​धिकारी ने बताया कि धनबाद डिविजन से वित्त वर्ष 2024 में 18.8 करोड़ टन कोयले की लोडिंग हुई थी और मई में जब पूरा देश लू से तप रहा था तो यहां से कोयले की लोडिंग में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

First Published - June 25, 2024 | 10:11 PM IST

संबंधित पोस्ट