facebookmetapixel
PM Kisan Yojana: e-KYC अपडेट न कराने पर रुक सकती है 21वीं किस्त, जानें कैसे करें चेक और सुधारDelhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने पकड़ा जोर, अस्पतालों में सांस की बीमारियों के मरीजों की बाढ़CBDT ने ITR रिफंड में सुधार के लिए नए नियम जारी किए हैं, टैक्सपेयर्स के लिए इसका क्या मतलब है?जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बड़ा जाल फरीदाबाद में धराशायी, 360 किलो RDX के साथ 5 लोग गिरफ्तारHaldiram’s की नजर इस अमेरिकी सैंडविच ब्रांड पर, Subway और Tim Hortons को टक्कर देने की तैयारीसोने के 67% रिटर्न ने उड़ा दिए होश! राधिका गुप्ता बोलीं, लोग समझ नहीं रहे असली खेलIndusInd Bank ने अमिताभ कुमार सिंह को CHRO नियुक्त कियाहाई से 40% नीचे मिल रहा कंस्ट्रक्शन कंपनी का शेयर, ब्रोकरेज ने कहा- वैल्यूएशन सस्ता; 35% तक रिटर्न का मौकात्योहारी सीजन में दिखा खरीदारी का स्मार्ट तरीका! इंस्टेंट डिजिटल लोन बना लोगों की पहली पसंदQ2 में बंपर मुनाफे के बाद 7% उछला ये शेयर, ब्रोकरेज बोले – BUY; ₹298 तक जाएगा भाव

बीमा क्षेत्र में निवेश के नियमों में ढील देने की योजना: चिदंबरम

Last Updated- December 06, 2022 | 10:00 PM IST

वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि भारत सरकार कोशिश करेगी कि बीमा, बैंकिंग और पेंशन के क्षेत्र में नियमों में ढील दी जाए, जिससे विदेशी निवेश के लिए समझौते हो सकें।


उन्होंने मैंड्रिड में 4 मई को एक साक्षात्कार में कहा, ‘वित्तीय क्षेत्र में सुधार का एजेंडा अभी अधूरा है। हम अपने  साझेदारों को समझाने में असफल रहे हैं, जहां घरेलू निजी और विदेशी निवेशकों पर पूरी तरह या आंशिक रूप से प्रतिबंध है।’


प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को 4 कम्युनिस्ट पार्टियों का समर्थन है। वे बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश बढ़ाए जाने का विरोध करते रहे हैं। अभी इसकी अधिकतम सीमा 26 प्रतिशत है। भारत के पेंशन व्यवसाय को विदेशी निवेशकों के लिए नहीं खोला गया है।


लीमान ब्रदर्स एलएलसी के मुताबिक कार्पोरेट बॉन्ड मार्केटिंग, पेंशन और बीमा क्षेत्र में वित्तीय सुधारों से निवेश बढ़ेगा और आर्थिक विकास में 1.5 प्रतिशत अंक से अधिक का इजाफा होने की उम्मीद है। देश की 1.1 अरब आबादी में 80 प्रतिशत लोगों का बीमा नहीं है, 88 प्रतिशत लोगों के पास पेंशन योजना नहीं है।


भारत की अर्थव्यवस्था 912 अरब डॉलर की है,इसमें 2003 से लगातार करीब 8.7 प्रतिशत विकास दर बनी हुई है। मनमोहन सिंह की सरकार की इच्छा है कि 2012 तक विकास दर को बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया जाए जिससे नई नौकरियों का सृजन हो।


भारत के कुल संसाधनों की मात्रा, चीन के औद्योगिक और वाणिज्यिक बैंकों से भी कम है, जो चीन के सबसे बड़े ऋण प्रदाता हैं। पिछले महीने भारत के व्यापार और निवेश पैनल ने अनुशंसा की थी कि भारत के 300 अरब डॉलर के फारेन एक्सचेंज का प्रयोग कंपनियों को बाहर से तकनीक और संयंत्र मंगाने के लिए दिए जाने पर विचार किया जाना चाहिए।

First Published - May 7, 2008 | 10:10 PM IST

संबंधित पोस्ट