प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक में एक अहम फैसला लिया गया है। सरकार ने संशोधित ब्याज सहायता योजना (Modified Interest Subvention Scheme – MISS) के तहत ब्याज सबवेंशन (Interest Subvention – IS) घटक को वित्तीय वर्ष 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है। इसके लिए आवश्यक वित्तीय प्रावधानों को भी स्वीकृति दी गई है।
क्या है MISS योजना?
यह केंद्र प्रायोजित योजना किसानों को सस्ती ब्याज दर पर किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से कम अवधि के ऋण उपलब्ध कराने के लिए चलाई जाती है।
किसान KCC के जरिए ₹3 लाख तक के अल्पकालिक ऋण पर 7% की सब्सिडाइज्ड ब्याज दर पर ऋण प्राप्त करते हैं।
पात्र बैंकों को सरकार की ओर से 1.5% ब्याज सहायता दी जाती है।
जो किसान समय पर ऋण चुकाते हैं, उन्हें 3% तक की प्रॉम्प्ट रिपेमेंट इंसेंटिव (PRI) मिलती है, जिससे उनकी वास्तविक ब्याज दर 4% रह जाती है।
पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए लिए गए ऋणों पर ₹2 लाख तक यह सुविधा लागू होती है।
देश में 7.75 करोड़ से अधिक KCC खाते हैं। यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को संस्थागत ऋण की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करती है, जिससे कृषि उत्पादकता में वृद्धि और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलता है।
2014 में KCC से ₹4.26 लाख करोड़ का ऋण वितरण हुआ था, जो दिसंबर 2024 तक ₹10.05 लाख करोड़ तक पहुंच गया।
कुल कृषि ऋण प्रवाह 2013-14 में ₹7.3 लाख करोड़ से बढ़कर 2023-24 में ₹25.49 लाख करोड़ हो गया।
किसान ऋण पोर्टल (Kisan Rin Portal – KRP) की शुरुआत अगस्त 2023 में हुई, जिससे पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि हुई।
कृषि क्षेत्र को सस्ती और समय पर ऋण सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। यह फैसला सरकार की किसानों की आय दोगुनी करने की प्रतिबद्धता, ग्रामीण ऋण व्यवस्था को मजबूत करने और कृषि विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक और मजबूत कदम है।