चार्टर्ड अकाउंटेंटों, कंपनी सचिवों सहित अन्य विशेषज्ञों व साझेदारों ने धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) का दायरा बढ़ने से कानून के पालन का बोझ बढ़ने की चिंताएं जताई हैं। इस अधिनियम के तहत 3 मई से CA, CS और लागत प्रबंधन अकाउंटेंट्स (cost management accountants) के वित्तीय लेन-देन को शामिल किया गया। इस प्रावधन का दायरा बढ़ाकर कंपनियों के गठन के दौरान एजेंट या LLP, एक्सप्रेस ट्रस्ट के ट्रस्टी या किसी अन्य व्यक्ति के लिए नामांकित शेयरधारक को भी शामिल किया गया है।
विशेषज्ञों को अपने ग्राहकों, लाभार्थी मालिकों के साथ-साथ फंड के स्रोत की पहचान को उजागर करने के लिए समुचित उपाय अपनाने होंगे। इसके अलावा लंबे समय तक आंकड़ों को संजोकर रखना होगा।
आईपी पसरीचा ऐंड कंपनी के पार्टनर मानेत पाल सिंह ने कहा, ‘ऐसे में विशेषज्ञों पर कानूनी उत्तरदायित्वों को पूरा करने का जोखिम बढ़ जाएगा। इससे उनकी साख पर प्रतिकूल असर और कारोबार का नुकसान उठाना पड़ सकता है। इन कानूनों को लागू करने से लागत बढ़ेगी और छोटी व मध्यम कंपनियों को कानून पालन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इससे उद्योग में समेशन बढ़ सकता है।’
अन्य व्यक्ति के दायित्वों को अंजाम देने वाले व्यक्ति जैसे निदेशक या कंपनी के सचिव या LLP के साझेदार, कंपनी के पंजीकरण या कारोबार के लिए ऑफिस का पता मुहैया कराने वाले या एलएलपी या ट्रस्ट के खिलाफ पीएमएलए के प्रावधानों के अंतर्गत ‘रिपोर्टिंग एंटिटी’ के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने चीनी कंपनियों के लिए शेल कंपनियां बनाने की प्रक्रिया करने वाले विशेषज्ञों के खिलाफ कदम उठाए थे।
चार्टर्ड एकाउंटेंट अमित गुप्ता ने कहा, ‘PMLA के नए कानून कंपनियों के लिए सिर्फ परामर्श मुहैया कराने वाली रिपोर्टिंग एंटिटी के लिए श्रेणियां नहीं बनाता है। लेकिन कानून में उन लोगों को उत्तरदायी बनाया गया है जो बतौर एजेंट काम करते हैं और निदेशकों को सेवाएं मुहैया करवाते हैं। इस क्रम में पंजीकृत कार्यालय को भी उत्तरदायी बनाया गया है। ऐसे में कई लॉ फर्म पर जिम्मेदारी डाली जा सकती है।’
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उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार विशेषज्ञों को अपने ग्राहकों को सेवाएं मुहैया करवाने के दौरान अपनी सुरक्षा के इंतजाम करने चाहिए।
दिल्ली के कंपनी सचिव ने कहा, ‘हम बतौर विशेषज्ञ केवल दस्तावेज के प्रमाणों पर भरोसा कर सकते हैं। यदि किसी दस्तावेज में जालसाजी की गई है तो हम कुछ ज्यादा नहीं कर सकते हैं। कानून को ईमानदार विशेषज्ञों के लिए सुरक्षा के इंतजाम मुहैया करवाने चाहिए।’
हालांकि कुछ अन्य का मानना है कि कानून की प्रक्रिया को नहीं अपनाकर धनशोषन (money laundering) में दोषियों की मदद करने वाले विशिष्ट विशेषज्ञों के लिए कानून में संशोधन किया गया है।