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2019 में व्यापारिक बाधाएं तीन गुना बढ़ीं

वित्त मंत्री सीतारमण ने अमेरिका में दी महत्वपूर्ण जानकारी, विनिर्माण क्षेत्र पर जोर

Last Updated- April 22, 2025 | 10:56 PM IST
Nirmala Sitharaman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका कई प्रमुख क्षेत्रों जैसे सेमीकंडक्टर, परमाणु ऊर्जा उत्पादन, औषधि व क्वांटम कंप्यूटिंग में साझेदारी व निवेश के जरिये अपने दीर्घकालिक आर्थिक सहयोग को मजबूत कर सकते हैं।

अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी में वित्त मंत्री ने बताया कि वर्ष 2019 से व्यापारिक बाधाओं में तीन गुना वृद्धि हुई और विकसित व उभरती दोनों अर्थव्यवस्थाएं अपने घरेलू उत्पादन व नौकरियों को बचाने का प्रयास कर रही हैं। सीतारमण ने बताया, ‘ये घटनाक्रम पहली नजर में चिंताजनक लगते हैं। इसके बावजूद ये बदलाव अपार संभावनाओं से परिपूर्ण हैं। गहन भागीदारी के लिए नए अवसर स्वयं उपस्थित हैं।’

उन्होंने कहा कि बाह्य नेतृत्व वाली वृद्धि और घरेलू विकास के बीच बेहतर संतुलन लाने के लिए वैश्विक व्यापार और निवेश परिदृश्य की नए सिरे से परिकल्पना की जा रही है। वित्त मंत्री 20 से 30 अप्रैल 2025 तक अमेरिका और पेरू की आधिकारिक यात्रा पर हैं। इस दौरान वे आईएमएफ-वर्ल्ड बैंक की बैठकों, जी 20 के वित्त मंत्रियों व केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठकों के अलावा कई देशों व संगठनों के साथ द्वपक्षीय बैठकें भी करेंगी।

सीतारमण ने कहा कि भारत के स्टार्टअप की विकास यात्रा में अमेरिका का बुनियादी सहयोग रहा है। उसने न केवल भारत में व्यापक निवेश किया है बल्कि यहां वैश्विक क्षमता केंद्र के परिदृश्य को तैयार करने में भी मदद कर रहा है।

विनिर्माण से जबरदस्त मदद

वित्त मंत्री ने सेवा क्षेत्र के जबरदस्त विस्तार के लिए विनिर्माण के महत्त्व को उजागर किया। उन्होंने कहा, ‘कोविड के बाद के दौर में विनिर्माण ने राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा दिया और यह भारत में भी हुआ। हमने बदलाव के इंजन के प्रमुख तत्त्व के रूप में दीर्घकालिक विनिर्माण वृद्धि की नींव को मजबूत किया है।’

उन्होंने बताया कि विनिर्माण को बढ़ावा देना युवा श्रमबल के उपयोग, कोड बेस पर निर्भरता कम करने और प्रतिस्पर्धी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला तैयार करने के लिए अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि सरकार तेजी से उभरते क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर नौकरियों में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 12 फीसदी से बढ़ाकर 23 फीसदी करना चाहती है।

सीतारमण ने बताया कि सरकार ने बीते एक दशक में आधारभूत विकास पर महत्त्वपूर्ण रूप से जोर दिया ताकि विनिर्माण नेतृत्व वाली वृद्धि को बढ़ावा देने की मजबूत नींव रखी जा सके और इसके लिए निवेशकों में भरोसा बढ़ाया गया।
उन्होंने बताया, ‘इससे केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय में वर्ष 2017-18 और वर्ष 2025-26 के दौरान चार गुना विस्तार हुआ है।’

उन्होंने कहा कि अगले दो दशकों में भारत की टिकाऊ वृद्धि को बनाए रखने के लिए साहसिक सुधारों, मजबतू घरेलू क्षमताओं, नवीकृत संस्थानों की साझेदारी और उभरते वैश्विक परिदृश्य के अनुकूल रणनीतियों को अपनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बीते दो केंद्रीय बजटों में बदलाव के लिए बुनियादी स्तर पर कार्य किया गया है और सरकार का बहुक्षेत्रीय पॉलिसी का एजेंडा स्पष्ट है।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमारा अगला लक्ष्य विनायमकीय बाधाओं को कम करने, डिजिटलीकरण की स्वीकृति और वैश्विक मूल्य श्रृंखला से एमएसएमई को जोड़ना है।’ वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सिर्फ सरकार ही विकसित भारत को आकार नहीं देगी बल्कि इसके लिए हर नागरिक को सामूहिक प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा, ‘यह दृष्टिकोण हमसे साहसपूर्वक सोचने, समावेशी ढंग से कार्य करने और दूरदर्शी व नरम रुख अपनाने का आह्वान करता है।’

First Published - April 22, 2025 | 10:56 PM IST

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