वित्त वर्ष 2025 के अप्रैल से नवंबर के दौरान सरकार के पूंजीगत व्यय में कमी आई है। महा लेखानियंत्रक की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक सरकार ने पूंजीगत व्यय के बजट अनुमान का 46.2 प्रतिशत इस्तेमाल कर लिया है, जबकि पिछले साल इस अवधि के दौरान 58.5 प्रतिशत इस्तेमाल किया था। वित्त वर्ष 2025 में अप्रैल-नवंबर के दौरान पूंजीगत व्यय में सालाना आधार पर 12.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
अर्थशास्त्रियों ने कहा कि केंद्र सरकार को दिसंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच पूंजीगत व्यय बढ़ाकर 65 प्रतिशत या मासिक रूप से रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की जरूरत है, जिससे वित्त वर्ष 2025 का 11.1 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल किया जा सके। सीजीए के आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025 में अप्रैल-नवंबर के दौरान 8.5 लाख करोड़ रुपये या राजकोषीय घाटे के लक्ष्य का 52.5 प्रतिशत खर्च किया है, जो वित्त वर्ष 2024 में अप्रैल-नवंबर के दौरान खर्च किए गए 9.1 लाख करोड़ रुपये से 6.6 प्रतिशत कम है।
इक्रा इंडिया में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘पूंजीगत व्यय अनुमान से कम रहने पर विनिवेश या करों से मिलने वाले धन में आई किसी भी कमी के साथ पूरक अनुदान मांग के असर की भरपाई हो जाएगी। इक्रा के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 में राजकोषीय घाटा संशोधित बजट अनुमान 16.1 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी के 4.9 प्रतिशत की तुलना में कम रहेगा।’ नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में 11.1 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लक्ष्य से वास्तविक पूंजीगत व्यय कम से कम 1 से 1.5 लाख करोड़ रुपये पीछे रहेगा।
नवंबर 2024 में सकल कर संग्रह सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि शुद्ध कर राजस्व सालाना आधार पर 0.5 प्रतिशत बढ़ा है।
सीजीए के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2025 के अप्रैल से नवंबर के दौरान शुद्ध कर राजस्व, बजट अनुमान के 56 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 62 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2025 के अप्रैल नवंबर के दौरान सालाना आधार पर आयकर संग्रह में 24 प्रतिशत वृद्धि हुई है और कॉर्पोरेट कर 1 प्रतिशत कम हुआ है।
नायर ने कहा, ‘इक्रा का मानना है कि अगर वित्त वर्ष के आखिरी महीनों में बड़े पैमाने पर रिफंड जारी नहीं किया गया तो आयकर संग्रह वित्त वर्ष 2025 के संशोधित बजट अनुमान 11.5 लाख करोड़ रुपये के पार जा सकता है। वहीं कॉर्पोरेशन कर की आवक लक्ष्य से थोड़ी कम रह सकती है।’ नवंबर महीने में सालाना आधार पर केंद्र का राजस्व व्यय सिर्फ 1 प्रतिशत बढ़ा है। यह वित्त वर्ष 2025 के पहले 8 महीनों में बजट अनुमान के 60 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में करीब इसी स्तर पर 59 प्रतिशत था।