भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया है कि अक्टूबर में महंगाई दर सितंबर में दर्ज 5.5 प्रतिशत से ज्यादा हो सकती है। बुधवार को भारत के सबसे बड़े बैंकिंग और फाइनेंस इवेंट, बिजनेस स्टैंडर्ड BFSI इनसाइट समिट में बिजनेस स्टैंडर्ड के कंसल्टिंग एडिटर तमाल बंद्योपाध्याय से बातचीत करते हुए दास ने कहा कि RBI महंगाई को काबू में करने के लिए मजबूत और तेजी से कदम उठाने के लिए तैयार है। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की तुलना “टाइगर” से की, जो बदलते वैश्विक हालात में भी अपनी मजबूती बनाए हुए है।
भारत में हाल ही में महंगाई बढ़ी है, खासकर खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने से। सितंबर 2024 में महंगाई दर 5.5 प्रतिशत रही, जिसमें सब्जियों के दाम में सालाना 36 प्रतिशत की बढ़ोतरी और खाद्य महंगाई दर 9.24 प्रतिशत रही। दास ने कहा कि महंगाई और बाहरी चुनौतियों के बावजूद RBI वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
ग्लोबल बाजारों की नजर अमेरिकी चुनाव और चीन की वित्तीय नीति पर
दास ने कहा कि वित्तीय बाजार दो बड़े अंतरराष्ट्रीय घटनाओं का इंतजार कर रहे हैं: अमेरिकी चुनाव का परिणाम और चीन की तरफ से वित्तीय सहायता के ऐलान।
दास ने कहा, “अमेरिकी चुनाव का नतीजा किसी भी तरफ जा सकता है। लेकिन एक बात साफ है कि भारत और अमेरिका के संबंध काफी मजबूत हो चुके हैं, और यह स्थिति किसी भी जीतने वाले पक्ष के साथ जारी रहेगी।”
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र वैश्विक घटनाओं के असर को संभालने में पूरी तरह सक्षम हैं। भारत की अर्थव्यवस्था और वित्तीय हालात किसी भी बाहरी प्रभाव का सामना करने के लिए काफी मजबूत हैं।”
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भारत की ग्रोथ पर दास का बयान: ‘अच्छे संकेत बुरे संकेतों से ज्यादा हैं’
भारत की ग्रोथ पर बात करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कई मुख्य संकेतों में सुधार का ज़िक्र किया, जिनमें जीएसटी ई-वे बिल, टोल कलेक्शन, हवाई यात्री संख्या, स्टील की खपत और सीमेंट बिक्री शामिल हैं।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह बढ़त भारत की आर्थिक मजबूती को दिखाती है, भले ही औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) और शहरी इलाकों में FMCG बिक्री में थोड़ी गिरावट देखी जा रही है।
दास ने बताया कि आरबीआई आर्थिक हालात पर नजर रखने के लिए लगभग 70-80 हाई-फ़्रीक्वेंसी संकेतकों को ट्रैक करता है। कुछ क्षेत्रों में धीमापन है, लेकिन “अच्छी बातें खराब बातों से ज्यादा हैं।” उन्होंने कहा कि भारत की ग्रोथ आउटलुक अब भी पॉजिटिव है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 7 प्रतिशत की ग्रोथ का अनुमान दिया है, जबकि आरबीआई का अनुमान 7.2 प्रतिशत है।
साथ ही दास ने चेताया कि महंगाई पर “बड़े खतरे” बने हुए हैं, जो भू-राजनीतिक तनाव, कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव और जलवायु परिवर्तन जैसे कारणों से बढ़ सकते हैं।
आरबीआई ने अपनाई सावधानी
आरबीआई ने फरवरी 2023 से रीपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा है ताकि महंगाई को 4 प्रतिशत के लक्ष्य के करीब लाया जा सके।
केंद्रीय बैंक ने अनुमान लगाया है कि अगर मानसून सामान्य रहता है, तो FY25 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) महंगाई दर 4.5 प्रतिशत रह सकती है। तिमाही अनुमान के अनुसार, Q2 में 4.4 प्रतिशत, Q3 में 4.7 प्रतिशत और Q4 में 4.3 प्रतिशत महंगाई दर रह सकती है।