सीमेंट निर्यात पर लगे प्रतिबंध को सरकार ने आंशिक तौर पर हटा लिया है। सीमेंट के निर्यात पर गत 11 अप्रैल को रोक लगा दी गई थी।
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि गुजरात के बंदरगाहों से सीमेंट का निर्यात किया जा सकेगा। मानसून में मांग कम रहने तथा घरेलू बाजार में सीमेंट की कीमतों में नरमी के मद्देनजर यह फैसला किया गया है।
वाणिज्य सचिव गोपाल के पिल्लई ने बताया कि 20 लाख टन सीमेंट का निर्यात किया जा सकेगा। उद्योग चैंबर फिक्की के एक कार्यक्रम में पिल्लई ने बताया कि जून,जुलाई मानसून की अवधि है और इस अवधि में निर्माण कार्य आमतौर पर नहीं होता है। उन्होंने कहा कि सरकार को मानसून सीजन में मांग कम रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि गुजरात से सीमेंट बाहर नहीं जा रहा है और केवल निर्यात के लिए है।
इसके पहले सरकार ने विशेष आर्थिक जोन के लिए सीमेंट निर्यात में छूट प्रदान की थी। इसके साथ ही नेपाल को भी सीमेंट के निर्यात की स्वीकृति दी गई थी। दरअसल नेपाल सीमेंट की आपूर्ति के लिए काफी हद तक भारत पर ही निर्भर है। गौरतलब है कि देश से कुल सीमेंट निर्यात का 90 फीसदी हिस्सा गुजरात से ही जाता है और सरकार की ओर से इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा देने से सबसे अधिक नुकसान इसे ही हुआ था।
वर्ष 2007-08 के दौरान देश से कुल 36.5 लाख टन सीमेंट का निर्यात किया गया था। निर्यात पर रोक लगा देने से गुजरात के बाजारों में सीमेंट आवश्यकता से अधिक उपलब्धता हो गई थी और राज्य उत्पादित सीमेंट की खपत नहीं कर पा रहा था।