facebookmetapixel
Gold-Silver Outlook: सोना और चांदी ने 2025 में तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2026 में आ सकती है और उछालYear Ender: 2025 में आईपीओ और SME फंडिंग ने तोड़े रिकॉर्ड, 103 कंपनियों ने जुटाए ₹1.75 लाख करोड़; QIP रहा नरम2025 में डेट म्युचुअल फंड्स की चुनिंदा कैटेगरी की मजबूत कमाई, मीडियम ड्यूरेशन फंड्स रहे सबसे आगेYear Ender 2025: सोने-चांदी में चमक मगर शेयर बाजार ने किया निराश, अब निवेशकों की नजर 2026 पर2025 में भारत आए कम विदेशी पर्यटक, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया वीजा-मुक्त नीतियों से आगे निकलेकहीं 2026 में अल-नीनो बिगाड़ न दे मॉनसून का मिजाज? खेती और आर्थिक वृद्धि पर असर की आशंकानए साल की पूर्व संध्या पर डिलिवरी कंपनियों ने बढ़ाए इंसेंटिव, गिग वर्कर्स की हड़ताल से बढ़ी हलचलबिज़नेस स्टैंडर्ड सीईओ सर्वेक्षण: कॉरपोरेट जगत को नए साल में दमदार वृद्धि की उम्मीद, भू-राजनीतिक जोखिम की चिंताआरबीआई की चेतावनी: वैश्विक बाजारों के झटकों से अल्पकालिक जोखिम, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूतसरकार ने वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत दी, ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर रोक

कोकिंग कोल के आयात के लिए बनेगा समूह, स्टील कंपनियों को मदद की योजना

देश की स्टील कंपनियां सालाना 7 करोड़ मीट्रिक टन कोकिंग कोल की खपत करती हैं।

Last Updated- January 04, 2024 | 10:57 PM IST
coal import

सरकार की योजना कोकिंग कोयले के आयात के लिए सरकारी कंपनियों का समूह बनाने की है। दो सरकारी अधिकारियों के मुताबिक इस योजना का ध्येय कोकिंग कोयले की कमी का सामना कर रही घरेलू स्टील कंपनियों की मदद करना है।

देश की नामचीन स्टील कंपनियों ने सरकार को कोकिंग कोयले की कम आपूर्ति और अधिक दाम के बारे में ज्ञापन दिया था। इन कंपनियों ने स्टील बनाने के मूल प्राथमिक कच्चे सामान की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए मदद मांगी है। देश की स्टील कंपनियां सालाना 7 करोड़ मीट्रिक टन कोकिंग कोल की खपत करती हैं।

देश को कुल जरूरत का करीब 75 प्रतिशत आयात करना पड़ता है। देश की स्टील कंपनियां विश्व में कच्चे स्टील की दूसरी सबसे बड़ी उत्पादक हैं। ये कंपनियां आयात होने वाले कोकिंग कोयले की आपूर्ति में उतार – चढ़ाव होने के कारण समस्याओं का सामना कर रही हैं।

भारत को होने वाले कोकिंग कोयले के आधे से अधिक की आपूर्ति ऑस्ट्रेलिया से होती है। इसका आयात ऑस्ट्रेलिया के अलावा अमेरिका, इंडोनेशिया, कनाडा आदि देशों से भी होता है।

सूत्रों के मुताबिक सरकारी कंपनियों का समूह स्टील कंपनियों के लिए आयात को आसान बनाएगा। यह समूह आयात के लिए विभिन्न देशों से संपर्क करेगा। कोकिंग स्टील के दाम को लेकर मोलभाव करेगा। आयात के सौदे की शर्तों को भी तय करेगा। यह समूह आयातित कच्चे माल को स्थानीय स्टील कंपनियों को बेचेगा। इस मामले की जानकारी देने वाले सूत्र मीडिया से बातचीत करने के लिए अधिकृत नहीं हैं और वे अपनी पहचान का खुलासा नहीं करना चाहते हैं।

Also read: नए सेक्टर्स के लिए PLI योजना पर फिलहाल कोई विचार नहीं: DPIIT सेक्रेटरी

उन्होंने इस समूह में शामिल होने वाली कंपनियों के नामों का खुलासा नहीं किया। यह समूह भारत के कोकिंग कोयले के आयात को विभिन्न देशों से मंगवाने की कोशिश करेगा। एक सूत्र ने बताया, ‘इस योजना का उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया के अलावा अन्य देशों से आयात करके सर्वश्रेष्ठ मूल्य हासिल करना है।’ इस बारे में केंद्र सरकार के स्टील मंत्रालय को हमने ईमेल भेजकर टिप्पणी मांगी, लेकिन वहां से तत्काल कोई जवाब मिला।

सूत्रों के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया से अनियमित आपूर्ति हुई। इसलिए देश रूस से अधिक कोकिंग कोयले को मंगाएगा। रूस से आयात करने का फायदा यह भी है कि वह ऑस्ट्रेलिया के मुकाबले सस्ता है। सूत्रों के मुताबिक समूह का गठन होने से पहले ही सरकार मंगोलिया से औपचारिक रूप से कोकिंग कोयले पर बातचीत करेगी। मंगोलिया की सीमाएं रूस और चीन से लगती हैं, लेकिन इससे कोई समुद्र नहीं लगता है। मंगोलिया ऐसे मार्ग पर विचार कर रहा है जिससे भारत को निर्यात किया जा सके।

First Published - January 4, 2024 | 10:57 PM IST

संबंधित पोस्ट