facebookmetapixel
₹30,000 करोड़ का बड़ा ऑर्डर! Realty Stock पर निवेशक टूट पड़े, 4.5% उछला शेयरG-7 पर ट्रंप बना रहे दबाव, रूसी तेल खरीद को लेकर भारत-चीन पर लगाए ज्यादा टैरिफ10 मिनट डिलीवरी में क्या Amazon दे पाएगी Blinkit, Swiggy को टक्कर? जानें ब्रोकरेज की रायसी पी राधाकृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के तौर पर ली शपथSBI, Canara Bank समेत इन 5 स्टॉक्स में दिखा ब्रेकआउट! 24% तक मिल सकता है रिटर्नInfosys buyback: 5 दिन में मार्केट कैप ₹40,000 करोड़ बढ़ा, ब्रोकरेज ने कहा- खरीदें, ₹1,880 जाएगा भावबड़ी कंपनियां बिजली के खर्च में बचा रहीं करोड़ों, जानें 20 साल में कैसे बदली तस्वीरचांदी के भाव ऑल टाइम हाई पर, सोना भी हुआ महंगाStocks to watch today, Sep 12: NBCC, RailTel समेत इन 17 स्टॉक्स पर आज रहेगी निवेशकों की नजर10 करोड़ शेयर वापस खरीदेगी Infosys, अब TCS-Wipro की बारी?

कोकिंग कोल के आयात के लिए बनेगा समूह, स्टील कंपनियों को मदद की योजना

देश की स्टील कंपनियां सालाना 7 करोड़ मीट्रिक टन कोकिंग कोल की खपत करती हैं।

Last Updated- January 04, 2024 | 10:57 PM IST
coal import

सरकार की योजना कोकिंग कोयले के आयात के लिए सरकारी कंपनियों का समूह बनाने की है। दो सरकारी अधिकारियों के मुताबिक इस योजना का ध्येय कोकिंग कोयले की कमी का सामना कर रही घरेलू स्टील कंपनियों की मदद करना है।

देश की नामचीन स्टील कंपनियों ने सरकार को कोकिंग कोयले की कम आपूर्ति और अधिक दाम के बारे में ज्ञापन दिया था। इन कंपनियों ने स्टील बनाने के मूल प्राथमिक कच्चे सामान की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए मदद मांगी है। देश की स्टील कंपनियां सालाना 7 करोड़ मीट्रिक टन कोकिंग कोल की खपत करती हैं।

देश को कुल जरूरत का करीब 75 प्रतिशत आयात करना पड़ता है। देश की स्टील कंपनियां विश्व में कच्चे स्टील की दूसरी सबसे बड़ी उत्पादक हैं। ये कंपनियां आयात होने वाले कोकिंग कोयले की आपूर्ति में उतार – चढ़ाव होने के कारण समस्याओं का सामना कर रही हैं।

भारत को होने वाले कोकिंग कोयले के आधे से अधिक की आपूर्ति ऑस्ट्रेलिया से होती है। इसका आयात ऑस्ट्रेलिया के अलावा अमेरिका, इंडोनेशिया, कनाडा आदि देशों से भी होता है।

सूत्रों के मुताबिक सरकारी कंपनियों का समूह स्टील कंपनियों के लिए आयात को आसान बनाएगा। यह समूह आयात के लिए विभिन्न देशों से संपर्क करेगा। कोकिंग स्टील के दाम को लेकर मोलभाव करेगा। आयात के सौदे की शर्तों को भी तय करेगा। यह समूह आयातित कच्चे माल को स्थानीय स्टील कंपनियों को बेचेगा। इस मामले की जानकारी देने वाले सूत्र मीडिया से बातचीत करने के लिए अधिकृत नहीं हैं और वे अपनी पहचान का खुलासा नहीं करना चाहते हैं।

Also read: नए सेक्टर्स के लिए PLI योजना पर फिलहाल कोई विचार नहीं: DPIIT सेक्रेटरी

उन्होंने इस समूह में शामिल होने वाली कंपनियों के नामों का खुलासा नहीं किया। यह समूह भारत के कोकिंग कोयले के आयात को विभिन्न देशों से मंगवाने की कोशिश करेगा। एक सूत्र ने बताया, ‘इस योजना का उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया के अलावा अन्य देशों से आयात करके सर्वश्रेष्ठ मूल्य हासिल करना है।’ इस बारे में केंद्र सरकार के स्टील मंत्रालय को हमने ईमेल भेजकर टिप्पणी मांगी, लेकिन वहां से तत्काल कोई जवाब मिला।

सूत्रों के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया से अनियमित आपूर्ति हुई। इसलिए देश रूस से अधिक कोकिंग कोयले को मंगाएगा। रूस से आयात करने का फायदा यह भी है कि वह ऑस्ट्रेलिया के मुकाबले सस्ता है। सूत्रों के मुताबिक समूह का गठन होने से पहले ही सरकार मंगोलिया से औपचारिक रूप से कोकिंग कोयले पर बातचीत करेगी। मंगोलिया की सीमाएं रूस और चीन से लगती हैं, लेकिन इससे कोई समुद्र नहीं लगता है। मंगोलिया ऐसे मार्ग पर विचार कर रहा है जिससे भारत को निर्यात किया जा सके।

First Published - January 4, 2024 | 10:57 PM IST

संबंधित पोस्ट