बेंगलूरु की आईटी कंपनी विप्रो ने वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के शुद्ध लाभ में मामूली वृद्धि दर्ज की है। सितंबर तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 3,246 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही के 3,208.8 करोड़ रुपये के मुकाबले 1.15 प्रतिशत अधिक है। तिमाही आधार पर लाभ में 2.5 प्रतिशत की गिरावट आई।
कंपनी का परिचालन राजस्व बढ़कर 22,697.3 करोड़ रुपये हो गया, जो सालाना आधार पर 1.7 प्रतिशत और तिमाही रूप से लगभग 2.5 प्रतिशत की वृद्धि है। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा खंड से राजस्व 260.43 करोड़ डॉलर रहा, जिसमें इस तिमाही में कंपनी द्वारा पूरे किए गए कुछ बड़े सौदों का योगदान शामिल है।
ब्लूमबर्ग के अनुमानों के अनुसार, विप्रो का दूसरी तिमाही का प्रदर्शन राजस्व के मामले में तो बेहतर रहा, लेकिन कंपनी का शुद्ध लाभ अनुमान से कम रहा। ब्लूमबर्ग ने राजस्व 22,688 करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ 3,278 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया था।
जुलाई-सितंबर तिमाही में विप्रो की बड़ी डील बुकिंग 2.9 अरब डॉलर रही, जो पिछले साल की तुलना में 90.5 प्रतिशत की वृद्धि है, जबकि कुल डील बुकिंग 4.7 अरब डॉलर रही। बड़ी डील बुकिंग वे सौदे हैं जिनका कुल अनुबंध मूल्य 3 करोड़ डॉलर या उससे अधिक होता है।
कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक श्रीनि पल्लिया ने कहा, ‘यूरोप और एपीएमईए में वृद्धि में सुधार के साथ, हमारी राजस्व रफ्तार मजबूत हो रही है और परिचालन मार्जिन एक सीमित दायरे में स्थिर बने हुए हैं। वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में बुकिंग 9.5 अरब डॉलर को पार कर गई। हमारी रणनीति स्पष्ट है- लचीला बने रहना, वैश्विक बदलावों के साथ तालमेल बिठाना और एआई के साथ नेतृत्त्व करना।’
अप्रैल-जून तिमाही में विप्रो का शुद्ध लाभ 10.9 फीसदी बढ़कर 33 अरब रुपये दर्ज किया गया था।