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वर्टिस इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट BOT और HAM मॉडल की कई सड़क परियोजनाओं के अधिग्रहण की बना रहा है योजना

वर्टिस इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट बीओटी और एचएएम मॉडल की कई सड़क परियोजनाओं के अधिग्रहण पर विचार कर रहा है।

Last Updated- July 11, 2025 | 10:50 PM IST
Highway
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

वर्टिस इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट (पहले हाइवेज इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट) की नजर कई राजमार्गों के अधिग्रहण पर  है। निजी इक्विटी प्रमुख केकेआर ऐंड कंपनी और ओंटारियो टीचर्स पेंशन प्लान समर्थित यह आधारभूत ढांचा निवेश ट्रस्ट 9000 करोड़ रुपये के राजमार्ग सौदे पहले ही कर चुका है।

वर्टिस के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जफर खान ने इस सप्ताह की शुरुआत में बिजनेस स्टैंडर्ड को वर्चुअल बातचीत में बताया था, ‘अभी हम मार्केट की तरफ से हाइब्रिड एन्युइटी मोड (एचएएम) में कुछ सौदों और बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर (बीओटी) में भी कुछ सौदों की तलाश कर रहे हैं। हम निश्चित रूप से टोल संचालन स्थानांतरण (टीओटी) परियोजनाओं के लिए बोली लगाते रहेंगे। अभी कई सौदे हैं जिन पर बाचचीत जारी है। इनमें कुछ सौदे लगभग 5000 करोड़ रुपये और कुछ 10,000 करोड़ रुपये मूल्य के हो सकते हैं। मैं अभी कोई संख्या नहीं बता सकता क्योंकि ये अलग-अलग सौदे हैं।’

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दरअसल एचएएम  ऐसा मॉडल है जहां ऑपरेटर को परियोजना लागत की 60 प्रतिशत सालाना आय राजमार्ग प्राधिकरण से मिलती है। हालांकि टीओटी वह मॉडल है जहां ऑपरेटर के लिए राजस्व प्रत्यक्ष रूप से 2 से 30 वर्ष की अवधि में टोल से प्राप्त आय के जरिए होता है। इस क्रम में संचालक प्राधिकरण को बड़ी राशि का भुगतान अग्रिम करता है।

उन्होंने कहा  ‘हमारा आकलन बीओटी  खरीदने के अब बेहद सटीक हैं। फास्टैग ने आधार राजस्व का आकलन करने के लिए पूरी तरह से सटीक उपकरण दिया है। अब आप अपनी आधार राजस्व गणना पर गलत नहीं हो सकते। इसका कारण यह है कि 97 से 98 प्रतिशत राजस्व इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के माध्यम से है।’

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यह ट्रस्ट तेजी से राजमार्ग क्षेत्र में सबसे दिग्गजों की कतार में शामिल होने के लिए अग्रसर है। उन्होंने कहा ‘यदि आप देखते हैं तो हम प्रबंधन के तहत संपत्ति के आकार के मामले में लगभग 25,900 करोड़ रुपये तक पहुंच गए हैं। परिसंपत्ति प्रबंधन के तहत परियोजनाओं की संख्या के मामले में हम दूसरे स्थान पर हैं। हम यातायात वृद्धि के मामले में लगभग 6.1 प्रतिशत बढ़ रहे हैं। हमारा टोल और राजस्व संपत्ति के बीच स्थिरता के मामले में विभाजन बहुत संतुलित है। हमारी औसत रियायत जीवन लगभग 14.3 वर्ष है।

First Published - July 11, 2025 | 10:27 PM IST

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