आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट गुजरात के भावनगर जिले में महुआ में सीमेंट उत्पादन के लिए एक नया संयंत्र लगाने जा रही है।
इसमें कंपनी की 3,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना है। ग्रासिम की सहायक कंपनी अल्ट्राटेक इस संयंत्र से रोजाना 10,000 टन और सालाना लगभग 35 लाख टन सीमेंट उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित कर रही है। कंपनी इसी क्षेत्र में 60 मेगावाट क्षमता वाली कोयला आधारित बिजली परियोजना लगाने पर भी विचार कर रही है।
सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने इसके लिए लगभग 2,500 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली है। इसमें से लगभग 10 फीसदी जमीन का अधिग्रहण भी कर लिया गया है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हमने महुआ में निजी जेटी के प्रबंध के लिए गुजरात नौवहन बोर्ड से भी बात की है।’ अल्ट्राटेक प्रस्तावित बिजली संयंत्र के लिए कोयले के आयात की योजना बना रही है। यहां से बने सीमेंट को वह अपने टर्मिनलों तक भेजेगी।
बिजली संयंत्र से निकलने वाली राख का इस्तेमाल कर कंपनी पोर्टलैंड पॉजुलिनो सीमेंट भी बना सकती है। अल्ट्राटेक के 5 एकीकृत संयंत्र हैं। उनके अलावा ग्राइंडिंग करने वाली 5 इकाइयां और 3 टर्मिनल भी हैं। इनमें से 2 टर्मिनल भारत में हैं और 1 टर्मिनल श्रीलंका में है। कंपनी की मौजूदा उत्पादन क्षमता 17 करोड़ टन सालाना है, जिसमें 40 फीसदी सीमेंट उत्पादन केवल गुजरात से ही होता है।
कंपनी सालाना 25 लाख टन से भी ज्यादा सीमेंट का निर्यात करती है। पिछले वित्त वर्ष में देश से निर्यात हुए कुल सीमेंट में अंबुजा सीमेंट और अल्ट्राटेक की कुल हिस्सेदारी लगभग 58 फीसदी थी। सरकार ने हाल ही में सीमेंट निर्यात पर रोक लगा दी है। इसकी वजह से ये कंपनियां अपने उत्पाद की खपत के लिए घरेलू बाजार पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इसकी वजह से गुजरात और महाराष्ट्र के बाजारों में सीमेंट की आपूर्ति बढ़ सकती है।
कंपनी ने हाल ही में अल्ट्राटेक बिल्डिंग सॉल्युशंस रिटेल स्टोर शुरू किए हैं। सूरत, राजकोट, गुड़गांव और त्रिची में ये स्टोर खोले गए हैं।