पूरे देश में पहली पीढ़ी के उद्यमियों और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को सहायता मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने राजीव गांधी उद्यमी मित्र योजना लागू की है।
उत्तर प्रदेश के लिए उद्यमी मित्र के रूप में इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) की पहचान की गई है। आईआईए राज्य में एमएसएमई के लिए काम करने वाली प्रमुख संस्था है।
इस योजना के तहत नए उद्यमों की स्थापना और प्रबंधन में सहायता प्रदान की जाएगी।
इन उद्यमों की स्थापना और चलाए जाने के लिए विभिन्न जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने में आने वाली कानूनी बाधाओं के निपटारे में भी मदद मुहैया कराई जाएगी। आईआईए के कार्यकारी निदेशक डीएस वर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘यह समय बचाने और छोटे उद्यमियों के नुकसान में कमी लाने की एक कोशिश है।’
उत्तर प्रदेश लगभग 15 लाख पंजीकृत और गैर-पंजीकृत एमएसएमई को समर्थन मुहैया कराता है। औद्योगिक उत्पादन, निर्यात और रोजगार सृजन के लिए योगदान के संदर्भ में यह क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
उन्होंने कहा, ‘आईआईए संभावित उद्यमियों को विभिन्न कार्यों के निष्पादन और उद्यम की स्थापना के लिए जरूरी औपचारिकताओं में भी जरूरी मदद मुहैया कराएगा।’
इस योजना से उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों से संबद्ध तथ्यों और आंकड़ों के बारे में विश्वसनीय सूचनाएं हासिल करने में दिक्कतो का सामना कर रहे लघु एवं मझोले उद्यमों को काफी मदद मिलेगी। इसके अलावा ये उद्यम विशेषज्ञता से लैस नहीं हैं और ये अपने दम पर ही सब कुछ संभालने को मजबूर हैं।
वर्मा ने कहा, ‘किसी भी उद्योग के फलने-फूलने के लिए अच्छी प्रबंधन सलाह बेहद जरूरी है। किसी भी छोटे उद्यमी के लिए उद्योग के बारे में सही जानकारी होना काफी अहम है।’
एजेंसियों के साथ पंजीकृत संभावित उद्यमियों को परियोजना रिपोर्ट तैयार करने, वित्त की व्यवस्था करने, प्रौद्योगिकी के चयन, खरीदारों के साथ विपणन गठजोड़, संयंत्र एवं मशीनरी की स्थापना के साथ-साथ विभिन्न मंजूरियां, अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल करने आदि में मदद मुहैया कराई जाएगी।
इसके अलावा सरकार उद्यमियों को सही सलाह देने के लिए समय-समय पर कार्यशाला भी आयोजित करेगी।