गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (जीसीपीएल) के लिए वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही निराशाजनक रही। पहली छमाही में 7 फीसदी की वृद्धि के बाद तीसरी तिमाही में कंपनी की बिक्री सपाट रही। पाम तेल में तेजी की भरपाई करने के लिए कीमत वृद्धि जरूरी होगी। लेकिन कुछ विश्लेषक तीसरी तिमाही को मजबूत बिक्री सुधार की उम्मीद के साथ अपवाद मान रहे हैं और उनकी राय में वित्त वर्ष 2026 में यह सबसे तेजी से बढ़ने वाली एफएमसीजी कंपनी साबित हो सकती है।
तीसरी तिमाही में लॉन्ड्री, एयर-फ्रेशनर और सेक्सुअल वेलनेस में दो अंकों की वृद्धि साबुन और घरेलू कीटनाशकों में आई गिरावट के आगे फीकी पड़ गई। चौथी तिमाही के बाद साबुन की कीमतों में और बढ़ोतरी की उम्मीद है। अगरबत्ती की बाजार भागीदारी (ऊंचे एक अंक में) बढ़ी जबकि लिक्विड वैपोराइजर और लॉन्ड्री लिक्विड पदार्थों का बाजार में दबदबा रहा। साबुन व्यवसाय ने भी बाजार भागीदारी में इजाफा दर्ज किया। लेकिन डिओड्रेंट की बाजार भागीदारी गंवाई।
कंपनी का भारतीय परिचालन मुनाफा मार्जिन तीसरी तिमाही में 22.5 फीसदी रहा जो ऐतिहासिक 24-26 फीसदी के दायरे की तुलना में कम है। भारत में अन्य खर्च में सालाना आधार पर 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई क्योंकि जीसीपीएल ने ग्रामीण क्षेत्र में निवेश जारी रखा। समेकित और एकल परिचालन लाभ में सालाना आधार पर10 प्रतिशत और 21 प्रतिशत की गिरावट आई क्योंकि मार्जिन में 290 आधार अंक (समेकित) और 675 आधार अंक (एकल) की कमी आई।
अल्पावधि में, भारत में जीसीपीएल के मुनाफे पर दबाव रह सकता है, क्योंकि बिक्री में मामूली वृद्धि हुई है जबकि उत्पादन लागत ऊंची है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार मार्जिन में सुधार से समेकित स्तर पर भरपाई होने की संभावना है। अफ्रीकी कारोबार का पुनर्गठन लगभग पूरा हो चुका है। कीटनाशक कारोबार में वृद्धि उम्मीद से कम रही है। प्रबंधन को भरोसा है कि वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही तक पुराना स्टॉक खत्म हो जाएगा जिससे नए रेनोफ्लुथ्रिन या आरएनएफ-आधारित लिक्विड वेपोराइजर को तेजी से बढ़ाने का रास्ता साफ हो जाएगा। कीटनाशक सेगमेंट में 5-7 फीसदी बिक्री वृद्धि देखी जा सकती है।
पर्सनल केयर सेगमेंट में, नॉन-सोप पोर्टफोलियो का प्रदर्शन हेयर कलर्स, हैंड वॉश की मदद से बेहतर रह सकता है और रेमंड कंज्यूमर केयर (आरसीसीएल) के अधिग्रहण से वृद्धि और ऊंचा मार्जिन मिल सकता है। पाम तेल की कीमतों में तेजी से साबुन व्यवसाय पर दबाव बना हुआ है। जीसीपीएल ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही के दौरान साबुन की कीमतें बढ़ाईं जिससे पूरे वित्त वर्ष 2025 में साबुन की कीमतों में कुल बढ़ोतरी 8-12 फीसदी के बीच पहुंच गई। पाम तेल में तेजी की वजह से एक और कीमत वृद्धि की जा सकती है। लेकिन साबुन की कीमतों में 6-8 फीसदी के दायरे में धीमी वृद्धि हो सकती है। जीसीपीएल के अंतरराष्ट्रीय कारोबार में वृद्धि की पूरी संभावना है। इंडोनेशिया में प्रबंधन को वित्त वर्ष 2025 में 21 प्रतिशत परिचालन मुनाफा मार्जिन के साथ 6-8 प्रतिशत की वृद्धि का भरोसा है जबकि मध्यावधि का लक्ष्य 23-25 प्रतिशत है।