टाटा समूह की दूरसंचार टावर और बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कंपनी, वायरलेस टाटा टावर इन्फो सर्विसेज (डब्ल्यूटीटीआईएल) का मूल्यांकन कर लिया गया है।
उसकी पूंजी लगभग 20,000-25,000 करोड़ रुपये आंकी गई है।कंपनी अपनी 26 से 49 प्रतिशत हिस्सेदारी वैश्विक और घरेलू निवेशकों को बेचना चाहती है।टाटा टेलीसर्विसेस के प्रबंध निदेशक अनिल सरदाना ने कहा कि डब्ल्यूटीटीआईएल की कीमत भी अन्य प्रमुख टावर कंपनियों जैसी ही होगी।
एक विश्लेषक ने अपनी पहचान छिपाने की शर्त पर बताया, ‘यह मूल्यांकन मोटे अनुमान पर आधारित है, जिसमें डब्लूटीटीआईएल के 13,500 टावर और अन्य कारक शामिल हैं।
मोटे तौर पर एक जीएसएम टेलीकॉम टावर तकरीबन 1 करोड़ रुपये का होता है, जबकि एक सीडीएमए टावर 1.25 करोड़ रुपये का होता है। डब्ल्यूटीटीआईएल के हरेक टावर का इस्तेमाल औसतन 1.9 सेवा प्रदाता कंपनियां करती हैं।
इससे कंपनी के मूल्यांकन में और इजाफा हो जाता है।’ विश्लेषक आगे कहते हैं, ‘इसकी वजह से कंपनी की कीमत दूसरी कंपनियों की तुलना में बढ़ जाती है।’
पूरे भारत में टाटा टेलीसर्विसेस के 10,000 टावर हैं और बाकी टावर टाटा टेलीसर्विसेस (महाराष्ट्र) के पास हैं, जो महाराष्ट्र और मुंबई सर्किल में दूरसंचार सेवाएं देती है।रिलायंस धीरूभाई अंबानी समूह की टावर कंपनी, रिलायंस इन्फ्राटेल की कीमत 60,000 करोड़ रुपये लगाई गई है।
इसमें कंपनी के इक्विटी मूल्य 268 अरब रुपये (घोषित) और उसके 36,849 टावरों को आधार बनया गया है।42,000 टावरों वाली भारती इन्फ्राटेल का मूल्यांकन 50,000 करोड़ रुपए किया गया है और स्वतंत्र टावर कंपनी जीटीएल इन्फ्रास्ट्रक्चर (जीआईएल) का 4,400 टावरों के लिए मूल्यांकन 8,000 करोड़ रुपये किया गया है।