दूरसंचार विभाग नई रकम जुटाने और कंपनी में निवेश के लिए वोडाफोन आइडिया को 60 दिन का वक्त दे सकती है और उसके बाद ही तीसरी तिमाही का लंबित बकाया चुकाने के लिए कहेगी।
एक अधिकारी ने कहा, कंपनी ने रकम जुटाने और निवेश बढ़ाने की खातिर विस्तृत योजना बनाने पर सहमति जताई है। इसलिए तिमाही बकाए पर सरकार की तरफ से पूछताछ से पहले कंपनी को पर्याप्त समय दिए जाने का फैसला लिया गया है।
कितनी मोहलत मिलेगी, इस पर कोई स्पष्ट फैसला नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि यह 45 से 60 दिन की होगी।
हर तिमाही भारतीय दूरसंचार ऑपरेटरों को लाइसेंस शुल्क के तौर पर समायोजित सकल राजस्व (adjusted gross revenue) का 8 फीसदी चुकाना होता है, जिसमें से 5 फीसदी यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड को योगदान के लिए अलग किया गया है।
15 सितंबर, 2021 से पहले अधिग्रहीत स्पेक्ट्रम के लिए स्पेक्र्टम यूजेज चार्जेज के तौर पर हर तिमाही 3 से 4 फीसदी अतिरिक्त चुकाए जाते हैं।
अधिकारी ने कहा, मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए वोडाफोन आइडिया ने बकाए का 10 फीसदी से भी कम चुकाया है। लेकिन इस पर जुर्माना नहीं लगता क्योंकि सालाना आधार पर कुल बकाए का कैलकुलेशन और ऑडिट हो चुका है।
सूत्रों ने कहा, पहले दूरसंचार कंपनियों ने वित्त वर्ष के आखिर में एकल सालाना भुगतान के जरिये अपने बकाए का बड़ा हिस्सा जमा करा दिया है। इसके परिणामस्वरूप सरकार सिर्फ वोडाफोन आइडिया को ही इस वक्त बकाए के लिए कह सकती है।
इस बीच, सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने सरकार से लाइसेंस शुल्क घटाकर एक फीसदी करने का अनुरोध किया है, ताकि दूरसंचार कंपनियों की कम नकदी निकले और इसका इस्तेमाल नेटवर्क विस्तार की गतिविधियों पर किया जा सके।
अधिकारियों ने हालांकि संकेत दिया कि सरकार मौजूदा शुल्क आदि में किसी तरह का बदलाव करने की इच्छुक नहीं है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, सरकार पहले ही इस पर काम कर चुकी है और दूरसंचार कंपनियां अपने-अपने 5जी स्पेक्ट्रम से ज्यादा अर्जित कर रही हैं, जिस पर एसयूसी नहीं लगता।
वोडा-आइडिया पर नजर
अधिकारियों ने हालांकि कहा कि कंपनी को तिमाही बकाया चुकाने के लिए अपनी समयसारणी मुहैया कराने के लिए कहा जाएगा। लंबी बातचीत के बाद सरकार ने कुल सरकारी बकाए के बड़े हिस्से का बोझ कम करने के लिए आवश्यक कदमों को हरी झंडी दी है। हम उनसे समयसारणी मांगेंगे कि जब उनका तिमाही भुगतान इष्टतम स्तर पर पहुंच जाएगा।
लंबे इंतजार के बाद वित्तीय रूप से परेशान दूरसंचार कंपनी को 3 फरवरी को काफी राहत मिली जब केंद्र सरकार ने अंतत: स्पेक्ट्रम व समायोजित सकल राजस्व से जुड़ाव वाले 16,133 करोड़ रुपये के उसके बकाए को इक्विटी में बदलने को मंजूरी दे दी।
7 फरवरी को वोडा-आइडिया ने 1,613 करोड़ शेयर निवेशव परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग यानी दीपम को जारी कर दिए और इस तरह से कंपनी का 33.4 फीसदी हिस्सा दे दिया।
यह प्रगति वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल की तरफ से ब्याज को इक्विटी में बदलने की मंजूरी के करीब 13 महीने बाद देखने को मिली।
इसके साथ ही सरकार के पास अब 33 फीसदी हिस्सेदारी होगी और वह वित्तीय रूप से परेशान दूरसंचार उद्यम (ब्रिटेन की वोडाफोन और भारत की कुमार मंगलम बिड़ला के स्वामित्व वाली आदित्य बिड़ला समूह) की सबसे बड़ी शेयरधारक बन गई है।