टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने अपने शेयरों को सूचीबद्ध कराने के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम लाने की किसी भी योजना से इनकार किया है। टाटा संस के एक शेयरधारक एसपी समूह ने ऐसा अनुरोध किया था। एक सूत्र ने मंगलवार को बताया कि टाटा संस ने एनबीएफसी के तौर पर अपने पंजीकरण को वापस करने अपंजीकृत कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी (सीआईसी) के तौर पर बने रहने के लिए आरबीआई को आवेदन दे रखा है।
खबरों के मुताबिक एसपी समूह ने टाटा संस को कंपनी के लिए आईपीओ लाने पर विचार करने को कहा था। एसपी समूह के पास टाटा संस की 18.5 फीसदी हिस्सेदारी है और टाटा संस की सोमवार को हुई एजीएम में उसने इस बारे में इसके लिए अनुरोध किया था।
टाटा संस की सूचीबद्धता से एसपी समूह को अपनी हिस्सेदारी के एक भाग से रकम जुटाने और अपनी कर्ज देनदारी चुकाने के लिए रकम जुटाने में मदद मिलती। टाटा समूह के प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी करने से मना कर दिया और एसपी समूह ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।
आरबीआई के पहले के एक परिपत्र के अनुसार एनबीएफसी अपर लेयर के तौर पर वर्गीकृत सभी कंपनियों को सितंबर 2025 तक सूचीबद्ध होना है। इससे टाटा संस के लिए खुद को सूचीबद्ध कराना अनिवार्य हो जाता। लेकिन मार्च 2024 में समाप्त वित्त वर्ष में टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने अपने पूरे कर्ज 21,813 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया और आरबीआई के पास खुद को एनबीएफसी अपर लेयर के दर्जे से हटाने के लिए आवेदन किया।
वित्त वर्ष 2023-24 की टाटा संस की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक टाटा संस का कुल राजस्व 25 फीसदी की बढ़ोतरी के लसाथ 43,893 करोड़ रुपये रहा वहीं विशिष्ट मदों और कर से पहले 41,116.51 करोड़ रुपये का लाभ रहा।
कंपनी का पूंजीगत ढांचा मजबूत बन गया है क्योंकि उसका शुद्ध कर्ज घटकर 2,679.19 करोड़ रुपये ऋणात्मक हो गया जबकि 31 मार्च, 2024 को उसका नकद शेष उसके कर्ज से ज्यादा था। होल्डिंग कंपनी ने 34,653.98 करोड़ रुपये का कर पश्चात लाभ अर्जित किया जो एक साल पहले के मुकाबले 57 फीसदी की वृद्धि है।
आरबीआई के पास कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी के तौर पर पंजीकृत इस कंपनी ने आरबीआई के पास सीआईसी का पंजीकरण स्वैच्छिक तौर पर सरेंडर करने के लिए आवेदन किया है। आरबीआई का इस पर जल्द जवाब आ सकता है।