टाटा पावर ने वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के लिए शानदार वित्तीय परिणाम की घोषणा की है। कंपनी का राजस्व एक साल पहले के मुकाबले जून तिमाही में 5 प्रतिशत बढ़कर 15,210 करोड़ रुपये रहा। कंपनी को वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के लिए ऊंची बिक्री और अक्षय ऊर्जा में क्षमता वृद्धि से मदद मिली।
कंपनी का समायोजित कर-बाद लाभ (पीएटी) 3 प्रतिशत बढ़कर 906 करोड़ रुपये रहा और 235 करोड़ रुपये की एकमुश्त प्राप्ति के साथ उसने 1,100 करोड़ रुपये का पीएटी दर्ज किया। टाटा प्रोजेक्ट्स में टाटा पावर की हिस्सेदारी 48 प्रतिशत से घटकर 31 प्रतिशत रह गई है।
पारेषण एवं वितरण (टीऐंडडी) व्यवसाय सालाना आधार पर 3.6 प्रतिशत तक बढ़ा, जबकि अक्षय ऊर्जा (आरई) सेगमेंट सालाना आधार पर 2,100 करोड़ रुपये के साथ सपाट बना रहा, लेकिन तिमाही आधार पर इसमें 19 प्रतिशत की गिरावट आई। एबिटा 2,900 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में 1,700 करोड़ रुपये था, जिससे सालाना आधार पर 43 प्रतिशत वृद्धि का पता चलता है। सकारात्मक बदलावों में सस्ती ईंधन लागत, डिस्कॉम द्वारा कीमत वृद्धि और ज्यादा विद्युत उत्पादन शामिल हैं। लेकिन संयुक्त उपक्रमों से मुनाफा सालाना आधार पर 56 प्रतिशत तक घटा है, क्योंकि कोयला कीमतें नरम पड़ी हैं।
ऊंचे पूंजीगत खर्च की वजह से शुद्ध ऋण तिमाही आधार पर 7 प्रतिशत बढ़कर 37,700 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। शुद्ध कर्ज-पूंजी अनुपात 1 गुना से ज्यादा पर उचित स्तर पर है। पूंजीगत खर्च लक्ष्य वित्त वर्ष 2024 के लिए 12,000 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में पूंजीगत खर्च 2,100 करोड़ रुपये रहा। आरई पोर्टफोलियो मौजूदा समय में 4,111 मेगावॉट की चालू क्षमता के साथ 7,807 मेगावॉट पर है और शेष क्षमता निर्माणाधीन है।
कंपनी प्रबंधन ने आरई क्षमता 2.5-3 गीगावॉट की सालाना दर के साथ वित्त वर्ष 2025 तक बढ़कर 15 गीगावॉट हो जाने का अनुमान लगाया है। कुल क्षमता करीब 14.3 गीगावॉट है, जिसमें करीब 450-500 मेगावॉट क्षमता वैश्विक है। इनके अलावा कंपनी का ध्यान विद्युत वितरण और सोलर ईपीसी (इंजीनियरिंग, संवर्द्धन और निर्माण) पर रहेगा।
मूंदड़ा में पांच में से सिर्फ चार संयंत्र ही वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में परिचालन में थे। इलेक्ट्रिसिटी ऐक्ट की धारा 11 लगाई गई, जिसका मतलब है कि मुंद्रा जैसे संयंत्र (जो आयातित कोयले पर निर्भर करते हैं) में परिचालन अधिकतम क्षमता के साथ होना चाहिए।
एक विश्लेषक ने अनुमान जताया है कि मूंदड़ा संयंत्र का एबिटा वित्त वर्ष 2024 के लिए 1,200 करोड़ रुपये के पार जा सकता है। सोलर ईपीसी में ज्यादा क्रियान्वयन से भी भविष्य में परिचालन दक्षता को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन कोयला संयुक्त उपक्रम पर कम कीमतों की वजह से मुनाफे के संदर्भ में दबाव बना रह सकता है।
ब्लूमबर्ग के अनुसार, 9 अगस्त से सर्वे में शामिल 9 में से सिर्फ 3 विश्लेषक ही इस शेयर पर सकारात्मक हैं। इनमें 2 ने ‘होल्ड’ और 4 ने ‘सेल’/’रिड्यूस’ रेटिंग दी हैं।