भारतीय वाणिज्यिक वाहन (सीवी) बाजार की दिग्गज कंपनी टाटा मोटर्स इक्विटी (राइट्स निर्गम या पात्र संस्थागत निवेशकों) के जरिये करीब 1 अरब यूरो जुटाने की योजना बना रही है। इसके अलावा कंपनी टाटा कैपिटल में अपनी हिस्सेदारी भुनाना चाह रही है ताकि 3.8 अरब यूरो (38,000 करोड़ रुपये) के ऋण को चुकाने में मदद मिल सके, जिसका इस्तेमाल वह इटली की पुरानी वाणिज्यिक वाहन कंपनी इवेको समूह को खरीदने के लिए करेगी। इस बीच, कंपनी भारत और अन्य बाजारों में जहां टाटा मोटर्स की दमदार स्थिति है वहां इवेको के उत्पाद पेश करेगी और लैटिन अमेरिका जैसे इवेको के मजबूत बाजारों में टाटा के उत्पाद करेगी।
कुल मिलाकर 2.2 लाख करोड़ रुपये (22 अरब यूरो) के सालाना राजस्व और 5.40 लाख से अधिक वाहनों की बिक्री के साथ टाटा-इवेको की विलय वाली कंपनी यूरोप से करीब 50 फीसदी, भारत से करीब 35 फीसदी और लैटिन अमेरिका से 15 फीसदी राजस्व अर्जित करेगी और सही मायने में वैश्विक कंपनी बन जाएगी। इसके अलावा कंपनी की अमेरिका, एशियाई और अफ्रीकी बाजारों में भी उपस्थिति होगी।
सौदे की संभावना पर बुधवार को टाटा मोटर्स का शेयर 3.4 फीसदी लुढ़क गया था। कंपनी के समूह मुख्य वित्त अधिकारी पीबी बालाजी ने गुरुवार को निवेशकों की चिंताओं को दूर करते हुए अगले 12 से 18 महीनों के दौरान रकम जुटाने की रणनीति के बारे में बताया। गुरुवार को शेयर में कोई खास बदलाव नहीं आया और बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 0.35 फीसदी लुढ़ककर बंद हुआ।
बालाजी ने कहा, ‘हमने डीमर्जर की घोषणा करते वक्त ही कहा था कि हम वाणिज्यिक वाहनों का कारोबार शुरू करेंगे। इसे वैश्विक स्तर पर ले जाने अगला बड़ा कदम है।’ उन्होंने कहा कि यह सौदा आर्थिक तौर पर भी आकर्षक था क्योंकि हमने दोगुने एबिटा वाला एक लाभदायक कारोबार का अधिग्रहण किया था।
नुवामा के विश्लेषक रघुनंदन एनएल ने कहा कि इवेको का मूल्यांकन वर्ष 2024 के एबिटा का दोगुना है, जबकि डेमलर अथवा वॉल्वो जैसी वाणिज्यिक वाहन कंपनियों के मुकाबले यह 5 से 7 गुना है।
बालाजी ने कहा, ‘ईपीएस के नजरिये से देखा जाए तो पूंजी जुटाने के बाद दूसरे साल में यह वृद्धिशील हो जाता है।’ टाटा मोटर्स का लक्ष्य अधिग्रहण के लिए लिए गए ऋण को चार वर्ष के भीतर चुकाने का है। 3.8 अरब यूरो का ऋण मॉर्गन स्टेनली और एमयूएफजी के साथ मिलकर दिया जाएगा, जिन्होंने शुरुआती रकम देने की प्रतिबद्धता जताई है और अगले साल अप्रैल में कटौती की उम्मीद है।