कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (PMIS) के मौजूदा पायलट प्रोजेक्ट को एक या दो महीने बढ़ाने पर विचार शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस योजना को पूर्ण रूप से लागू करने के लिए कैबिनेट नोट तैयार कर रही है। यह योजना अक्टूबर 2024 से शुरू हुई थी। इसका मकसद देश के युवाओं को उद्योगों की जरूरतों के मुताबिक स्किल्स देना है। योजना के तहत अगले पांच सालों में भारत की टॉप 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को साल भर की इंटर्नशिप दी जाएगी।
पहले राउंड में कंपनियों ने 82,000 से ज्यादा इंटर्नशिप ऑफर दिए। इनमें से 60,000 उम्मीदवारों ने आवेदन किया, लेकिन केवल 28,000 ने ऑफर स्वीकार किया। अंत में सिर्फ 8,700 युवा ही इंटर्नशिप में शामिल हुए। दूसरे राउंड में, जो 9 जनवरी को शुरू हुआ, 82,110 ऑफर दिए गए। 12 अगस्त तक 24,131 उम्मीदवारों ने इंटर्नशिप स्वीकार की। ऑफर स्वीकार करने की आखिरी तारीख 30 अगस्त थी, जिसे अब बढ़ाया जा सकता है। जुलाई से दूसरे राउंड के इंटर्न कंपनियों में शामिल होने लगे।
सूत्रों का कहना है कि योजना में बदलाव के लिए कैबिनेट को ठोस आधार चाहिए। इसके लिए पायलट को कुछ और समय चलाने की जरूरत हो सकती है। स्टाइपेंड बढ़ाने जैसे बदलावों पर भी विचार हो रहा है। उम्मीदवारों, उद्योगों और राज्य सरकारों से मिले फीडबैक के अनुसार, कई कारणों से युवा ऑफर स्वीकार नहीं कर रहे। इनमें जगह की दूरी, इंटर्नशिप की अवधि और उच्च शिक्षा की पढ़ाई जैसे कारण शामिल हैं।
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वित्त संबंधी स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि योजना में पारदर्शिता के लिए समय-समय पर स्वतंत्र मूल्यांकन होना चाहिए। साथ ही, आर्थिक रूप से कमजोर और हाशिए पर रहने वाले उम्मीदवारों के लिए नियमों को और लचीला करना चाहिए। समिति ने कहा कि दूरदराज के इलाकों से आने वाले युवाओं को रहने-खाने का खर्च उठाने में दिक्कत होती है। इससे योजना की समावेशिता पर असर पड़ता है। समिति ने सुझाव दिया कि छोटे-मध्यम उद्यमों (SMEs), स्टार्टअप्स और क्षेत्रीय संगठनों को भी इस योजना में शामिल करना चाहिए। इससे ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों और उद्योगों का प्रतिनिधित्व हो सकेगा।
वित्त वर्ष 2025 के लिए इस योजना में 2,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था, जिसे बाद में 380 करोड़ रुपये कर दिया गया। वित्त वर्ष 2026 के लिए सरकार ने 10,831 करोड़ रुपये का बजट रखा है। MCA ने योजना को पूरी तरह लागू करने के लिए व्यय वित्त समिति के लिए नोट तैयार कर लिया है। सूत्रों का कहना है कि पायलट प्रोजेक्ट से मिले फीडबैक और परिणामों के आधार पर ही इस योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।