प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की प्रायोगिक परियोजना में 327 कंपनियों द्वारा पेश 1.18 लाख रिक्तियों के लिए लगभग चार गुना आवेदन प्राप्त हुए हैं। लेकिन कंपनियों ने कुल 71,000 लाभार्थियों को प्रस्ताव दिए हैं। यह जानकारी कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने सोमवार को एक सवाल के जवाब में संसद को दी।
राज्य मंत्री ने अपने जवाब में कहा, ‘वर्तमान में प्रस्तावों को जारी करने और इंटर्न द्वारा ज्वाइनिंग की प्रक्रिया चल रही है।’ पायलट परियोजना के पहले दौर में इंटर्नशिप की पेशकश किए गए कुल उम्मीदवारों में से 15 प्रतिशत से भी कम ने योजना में शामिल होने का फैसला किया था।
मल्होत्रा ने लोक सभा में एक लिखित जवाब में बताया कि परियोजना के दूसरे दौर में कुल आवेदनों में 22 प्रतिशत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों की तरफ से आए। इनमें से 16.8 प्रतिशत को इंटर्नशिप करने का प्रस्ताव दिया गया। पहले दौर में भागीदार कंपनियों ने 60,000 से अधिक युवाओं को 82,000 से अधिक इंटर्नशिप प्रस्ताव दिए थे। इनमें से 28,000 से अधिक ने इन्हें स्वीकार किया। इस दौर में 8,700 से अधिक उम्मीदवार इंटर्नशिप में शामिल हुए हैं।
मल्होत्रा के अनुसार सरकार अब तक इस योजना के तहत लगभग 50 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए पीएमआईएस के लिए बजट में 10,831.07 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। एमसीए के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि इंटर्नशिप के लिए सबसे अधिक 1,408 उम्मीदवार असम से आए हैं। उसके बाद उत्तर प्रदेश से 1,067 युवाओं ने इस योजना में रुचि दिखाई है।