Net Direct Tax Collection: वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में 17 सितंबर तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन सालाना आधार (y-o-y) पर 9.18 फीसदी बढ़कर 10.82 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के आंकड़ों के अनुसार, यह बढ़ोतरी रिफंड में बड़ी गिरावट की वजह से हुई है।
इसमें नॉन-कॉरपोरेट टैक्स (व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवार, फर्म, बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स, एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स, लोकल अथॉरिटीज और आर्टिफिशियल ज्युडिशियल पर्सन द्वारा चुकाया गया टैक्स) 13.67 फीसदी बढ़कर 5.83 लाख करोड़ रुपये हो गया।
इसी अवधि में नेट कॉरपोरेट टैक्स 4.93 फीसदी बढ़कर 4.72 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) मामूली 0.57 फीसदी बढ़कर 26,305.72 करोड़ रुपये हो गया।
EY के पार्टनर समीर कनाबार के मुताबिक, सरकार ने पहली तिमाही में रिफंड अग्रिम रूप से जारी कर दिए थे, इसलिए दूसरी तिमाही में ऐसा आउटगो नहीं दिख रहा। उन्होंने कहा कि ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में नरमी कॉरपोरेट प्रॉफिटेबिलिटी में कमी और ज्यादा कैपिटल एक्सपेंडिचर के चलते डिप्रिसिएशन क्लेम बढ़ने का नतीजा है।
इस बीच, 17 सितंबर तक अग्रिम कर (Advance Tax) कलेक्शन 2.90 फीसदी बढ़ा। अग्रिम कर चार किश्तों में 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च को जमा किया जाता है। FY26 में 17 सितंबर तक नॉन-कॉरपोरेट एडवांस टैक्स 7.30 फीसदी घटकर ₹96,783.94 करोड़ रहा, जबकि कॉरपोरेट एडवांस टैक्स 6.11 फीसदी बढ़कर 3.52 लाख करोड़ रुपये हो गया।
PwC के पार्टनर हितेश सावनी के अनुसार, ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स ग्रोथ 3.39 फीसदी पर आना दो वजहों से है- नॉन-कॉरपोरेट एडवांस टैक्स में 7 फीसदी से ज्यादा की गिरावट और पिछले साल के मजबूत कलेक्शन का बेस इफेक्ट। कॉरपोरेट एडवांस टैक्स स्थिर रहा, लेकिन STT की धीमी बढ़त और नॉन-कॉरपोरेट रिफंड में बड़ी गिरावट से टैक्स कलेक्शन में असमानता झलकती है।
Tax Connect Advisory के पार्टनर विवेक Jalan ने कहा कि FY 25-26 के लिए व्यक्तिगत आयकर में भारी कटौती की वजह से नॉन-कॉरपोरेट एडवांस टैक्स लगभग 7 फीसदी गिरा है। इसके अलावा ITR में कटौतियों की कड़ी मॉनिटरिंग और ज्यादा खुलासों के चलते रिफंड को गहराई से जांचा जा रहा है, इसलिए नॉन-कॉरपोरेट रिफंड साल-दर-साल लगभग एक-तिहाई रह गया है।