भारत की टाटा ऑटोकॉम्प सिस्टम्स और चेक के वाहन विनिर्माता स्कोडा ग्रुप ने आज भारतीय रेल और मेट्रो पुर्जा क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए संयुक्त उद्यम का ऐलान किया, जो प्रणोदन प्रणाली और अन्य पुर्जा निर्माण पर केंद्रित है। टाटा ऑटोकॉम्प ने बयान में कहा, ‘दोनों साझेदारों के संयुक्त स्वामित्व वाली यह नई कंपनी मध्य उच्च रफ्तार और क्षेत्रीय ट्रेनों, मेट्रो और हल्के रेल वाहनों के लिए कन्वर्टर, ड्राइव और सहायक कन्वर्टर के विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगी। विनिर्माण कार्य भारत में ही होंगे। इस संयुक्त उद्यम में करोड़ों यूरो का निवेश शामिल है और इससे इस क्षेत्र को आर्थिक तथा तकनीकी लाभ मिलने की उम्मीद है।’
राष्ट्रीय परिवहन सेवा भारतीय रेलवे अपने पुराने बेड़े को आधुनिक रेल प्रणालियों से तब्दील करने और देश भर के शहरों में मेट्रो नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में सरकार द्वारा किए गए पूंजीगत व्यय का लाभ उठाने पर विचार कर कर रही है। कई मौजूदा कंपनियों ने हाल ही में कलपुर्जा कारोबार में अपने निवेश में इजाफा किया है और कुछ कंपनियों ने इस क्षेत्र में विविधता भी की है।
टाटा ऑटोकॉम्प के वाइस-चेयरमैन अरविंद गोयल ने कहा, ‘स्कोडा समूह के साथ हमारा सहयोग अत्याधुनिक विद्युत प्रणोदन प्रणालियों और कलपुर्जों की शुरुआत करके भारतीय रेलवे और मेट्रो क्षेत्र में हमारी मौजूदगी को बढ़ाने वाला है।’
165 साल पुराना स्कोडा समूह पहले से ही यूरोपीय सार्वजनिक परिवहन के लिए कलपुर्जे बनाता है। भारत में तकनीकी विशेषज्ञता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से समूह ने नई दिल्ली में टाटा ऑटोकॉम्प के साथ संयुक्त उद्यम समझौता किया।
स्कोडा समूह के मुख्य कार्य अधिकारी और निदेशक मंडल के चेयरमैन पेट्र नोवोत्नी ने कहा, ‘टाटा ऑटोकॉम्प के साथ मिलकर हम भारत में उन्नत तकनीक और विशेषज्ञता ला रहे हैं, जो न केवल चेक गणराज्य में, बल्कि अन्य यूरोपीय देशों में भी वर्षों के विकास और सिद्ध समाधानों का प्रमाण है। मुझे विश्वास है कि यह साझेदारी दोनों कंपनियों को आधुनिक रेल समाधानों की बढ़ती मांग का नेतृत्व करने और उसमें अग्रणी बने रहने में सक्षम बनाएगी।’