चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के नतीजों से आईटी क्षेत्र में सुधार के शुरुआती संकेत दिखे हैं। आम तौर पर तीसरी तिमाही को नरम माना जाता है मगर चालू वित्त वर्ष की इस तिमाही में आईटी कंपनियों ने अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन किया है।
वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में ज्यादातर शीर्ष आईटी कंपनियों की वृद्धि भले ही थोड़ी कमजोर रही मगर गैर-जरूरी खर्च में सुधार को लेकर कंपनी प्रबंधन के बयान से आगे वृद्धि की उम्मीद जगी है।
सभी प्रमुख आईटी कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन ने कहा कि रिटेल और स्वास्थ्य के साथ ही बैंकिंग और वित्तीय सेवा सेगमेंट में गैर-जरूरी खर्च में तेजी देखी गई। चारों प्रमुख आईटी कंपनियों टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस, एचसीएल टेक और विप्रो में से इन्फोसिस का प्रदर्शन बेहतर रहा है और कंपनी के पूरे वित्त वर्ष के आय अनुमान में यह नजर आता है।
इन्फोसिस ने लगातार तीसरी बार अपनी आय वृद्धि के अनुमान में इजाफा किया है। कंपनी को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 में उसकी आय 4.5-5 फीसदी के दायरे में बढ़ेगी। इससे पहले उसने 3.75-4.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में इन्फोसिस की आय अनुमान से बेहतर रही और आय अनुमान में वद्धि उम्मीद के अनुरूप रही। सौदे मिलने की रफ्तार कम रही मगर वित्त वर्ष 2026 में वृद्धि को गति देने के लिए पर्याप्त है। करीब 8 तिमाही बाद इन्फोसिस ने सालाना आय वृद्धि के मामले में टीसीएस को पीछे छोड़ा है। मगर इसमें बीते समय में किए गए बड़े सौदों का अहम योगदान रहा। हालांकि आगे आय की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है क्योंकि गैर-जरूरी खर्च में सुधार के साथ बड़े सौदों पर निर्भरता कम हो जाएगी।’
टीसीएस प्रबंधन के बयान का हवाला देते हुए एलारा कैपिटल ने कहा कि ब्याज दर में कमी, मुद्रास्फीति घटने और अमेरिका में चुनाव के बाद स्थिरता आने से गैर-जरूरी मांग बढ़ने की उम्मीद है। इससे वर्ष 2025 और 2026 में बेहतर कारोबार का भरोसा बढ़ा है।
भारतीय आईटी कंपनियों के लिए तीसरी और चौथी तिमाही आम तौर पर नरम रहती है क्योंकि इस दौरान लंबी छुट्टियां होती हैं। मगर ऑर्डर बुक और विभिन्न बाजारों और सेगमेंट में सुधार से वित्त वर्ष 2026 बेहतर रहने की उम्मीद है।