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मांग सुधरने से स्टील सेक्टर की चमक बढ़ने के आसार

बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं निर्माण पर जोर दिए जाने और वाहन एवं रियल एस्टेट क्षेत्रों में सुधार से घरेलू मांग मजबूत रहने का अनुमान है

Last Updated- June 21, 2023 | 7:59 PM IST
Steel sector

चीन में बढ़ती स्टील कीमतों और वै​श्विक तौर पर लौह अयस्क कीमतों में वृद्धि से भारतीय लौह अयस्क एवं स्टील सेक्टर में बदलाव आ सकता है। इसका अनुमान है कि चीनी सरकार ऐसी प्रोत्साहन नीति पेश कर सकती है जिससे औद्योगिक धातुओं के लिए मजबूत मांग को बढ़ावा मिलेगा।

केंद्रीय बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं निर्माण पर जोर दिए जाने और वाहन एवं रियल एस्टेट क्षेत्रों में सुधार के संकेतों की वजह से 2023-24 में घरेलू मांग मजबूत रहने का अनुमान है। हालांकि संकेत मिश्रित हैं, क्योंकि सस्ते आयात से प्रतिस्पर्धा बढ़ने की वजह से घरेलू हॉट-रॉल्ड कोइल कीमतों में गिरावट आई है।

चीन को लेकर उत्साह बढ़ने से टाटा स्टील, जिंदल स्टील ऐंड पावर लिमिटेड (JSPL), JSW स्टील, NMDC, और SAIL में निवेशकों की दिलचस्पी को बढ़ावा मिला है। JSPL कई विश्लेषकों का पसंदीदा शेयर है।

JSPL अगले 12 महीनों के दौरान दो चरणों में 65 प्रतिशत तक की क्षमता वृद्धि से जुड़ी परियोजनाओं से जुड़ी हुई है। कुछ विश्लेषकों को अगले तीन साल के दौरान 19 प्रतिशत और 17 प्रतिशत एबिटा और ईपीएस दर्ज किए जाने का अनुमान है। उचित मात्रा में पूंजीगत खर्च का वित्त पोषण आंतरिक स्रोतों के जरिये किया जाएगा।

विस्तार योजनाओं की लागत 24,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है और ये वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में शुरू की जाएंगी। परियोजनाओं में वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही तक 33 लख टन सालाना की क्षमता वृद्धि और वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में 30 लाख टन सालाना की क्षमता वृद्धि शामिल है और इससे JSPL की कुल क्षमता बढ़कर 1.59 करोड़ टन सालाना हो जाएगी, जो मौजूदा समय में 96 लाख टन है।

बैकवार्ड इंटिग्रेशन में 1.2 करोड़ टन का पैलेट प्लांट, स्लरी पाइपलाइन, और चार कोयला खदानें शामिल हैं जिनकी शुरुआत वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में होगी। वहीं फॉर्वर्ड इंटिग्रेशन में हॉट ​​स्ट्रिप मिल शामिल है जिसकी शुरुआत तीसरी तिमाही में होगी और इससे बिक्री में इजाफा होगा तथा उत्पाद मिश्रण में बदलाव आएगा।

मार्जिन पूरी क्षमता के साथ 4,000 रुपये प्रति टन तक सुधरने का अनुमान है। लेकिन पूंजीगत खर्च निर्धारित रा​शि के पार पहुंच सकता है और 27,000 करोड़ रुपये के आसपास रह सकता है।

JSW स्टील ने वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में 7,940 करोड़ रुपये का समेकित एबिटा दर्ज किया। वहीं स्टैंडएलॉन एबिटा 6,250 करोड़ रुपये पर रहा। सहायक इकाई BPSL (पूर्व में भूषण पावर ऐंड स्टील लिमिटेड) ने चौथी तिमाही में 950 करोड़ रुपये का एबिटा दर्ज किया जो तीसरी तिमाही में 340 करोड़ रुपये था। लौह अयस्क की खरीदारी में सुधार की मदद से कंपनी को एबिटा बढ़ाने में मदद मिली।

JSW स्टील कोटेड प्रोडक्ट्स ने 430 करोड़ रुपये का एबिटा दर्ज किया, जबकि तीसरी तिमाही में उसे 11 करोड़ रुपये का एबिटा नुकसान हुआ था। शुद्ध कर्ज 10,200 करोड़ रुपये घटकर 59,300 करोड़ रुपये रह गया। कंपनी ने लागत बचत योजनाओं के संदर्भ में 17,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त पूंजीगत खर्च की घोषणा की है। इन परियोजनाओं में स्लरी पाइपलाइन और खनन कार्य शामिल है।

वित्त वर्ष 2024 के लिए पूंजीगत खर्च 19,000 करोड़ रुपये पर है, क्योंकि कंपनी लगातार क्षमता वृद्धि पर जोर दे रही है।

टाटा स्टील (Tata Steel) का समेकित एबिटा 7,230 करोड़ रुपये है। उसके भारतीय व्यवसाय ने कच्चे माल की लागत में कमी की वजह से तिमाही वृद्धि दर्ज की। यूरोपीय व्यवसाय में मार्जिन काफी हद तक सपाट बना रहा। शुद्ध कर्ज तिमाही आधार पर घटकर 67,800 करोड़ रुपये और तिमाही आधार पर 3,900 करोड़ रुपये रह गया।

First Published - June 21, 2023 | 7:59 PM IST

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