भारत के पहले सेमी-क्रायोजेनिक रॉकेट की लॉन्चिंग एक बार फिर कैंसिल हो गई है। इसके पहले भी इसे दो बार लॉन्च करने की कोशिश की गई थी लेकिन दोनों बार लॉन्चिंग को अपरिहार्य कारणों से रद्द करना पड़ा। इस बार यानी तीसरी बार भारत के पहले सेमी-क्रायोजेनिक इंजन रॉकेट को लॉन्च करने की तारीख 7 अप्रैल यानी आज की रखी गई थी लेकिन आज भी सफलतापूर्ण लॉन्च की स्थिति नहीं बन पाई और लॉन्चिंग को कैंसिल करना पड़ा।
बता दें, चेन्नई स्थित स्पेस टेक स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमस (Agnikul Cosmos) ने आज यानी 7 अप्रैल को कुछ तकनीकी समस्याओं के चलते तीसरी बार रॉकेट का लॉन्च रद्द कर दिया। ‘अग्निबाण SOrTeD’ (सबऑर्बिटल टेक डेमोंस्ट्रेटर) का लॉन्च इसके पहले 22 मार्च को किया जाना था, लेकिन उस समय भी कुछ समस्याओं के चलते ठीक एक दिन पहले ही लॉन्च को रद्द किया गया। जानकारी के मुताबिक कुछ अनस्पेसिफाइड समस्याओं के चलते ये लॉन्च टाला गया था।
इसके बाद एक बार फिर से लॉन्च की तैयारी पूरी की गई, और दोबारा इस लॉन्च करने के लिए सेट किया गया। दूसरी बार की तारीख तय की गई थी 6 अप्रैल, लेकिन एक बार फिर लॉन्च को रद्द करना पड़ा।
ये भी पढ़ें- जापान का पहला निजी क्षेत्र का रॉकेट लॉन्च के तुरंत बाद फट गया
बता दें,, अग्निकुल के ‘अग्निबाण SOrTeD’ को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में स्टार्टअप के अपने लॉन्चपैड ‘धनुष’ से लॉन्च किया जाना था।
क्यों खास है अग्निबाण SOrTeD
देश का पहले सेमी-क्रायोजेनिक इंजन रॉकेट, एफिशिएंसी, कॉस्ट-इफेक्टिवनेस, सुरक्षा, ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी के मामले में क्रायोजेनिक इंजन की तुलना में बेहतर होते हैं। जानकारी के मुताबिक अग्निबाण SOrTeD में एग्निलेट नाम का सिंगल-पीस 3डी-प्रिंटेड इंजन है।
इस रॉकेट को स्वदेशी रूप से डिजाइन और तैयार किया गया है। इसे तैयार करने वाली स्टार्टअप कंपनी Agnikul Cosmos का कहना है कि अग्निबाण 30 से 300 किलोग्राम पेलोड को 700 किलोमीटर तक लो अर्थ ऑर्बिट्स (LEO) में ले जाने में सक्षम होगा।
Agnikul Cosmos को साल 2017 में आईआईटी मद्रास के श्रीनाथ रविचंद्रन, मोइन एसपीएम और एसआर चक्रवर्ती ने शुरू किया था।