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Deep-Tech Startups: भारत में डीप-टेक स्टार्टअप्स के लिए मुश्किल क्यों हो रहा है पैसा कमाना?

निवेशकों का कहना है—बढ़िया रिसर्च तो है, लेकिन प्रोडक्ट बेचने में दिक्कत

Last Updated- April 03, 2025 | 11:53 PM IST
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जैसे-जैसे भारत में नवाचार बढ़ रहा है, डीप-टेक निवेशकों का कहना है कि उन्हें बाजार के लिए उपयुक्त उत्पाद हासिल करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। स्टार्टअप महाकुंभ के दूसरे संस्करण में गुरुवार को निवेशकों ने इस बात पर जोर दिया कि स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के गति पकड़ने के साथ डीप-टेक उत्पादों को अक्सर अनुसंधान और विकास चरण से वाणिज्यिक उपयोग के लिए परिवर्तित करने में कठिनाई होती है।

आर्थिक समीक्षा 2023-24 के अनुसार, देश में एआई, आईओटी, रोबोटिक्स और नैनो टेक्नॉलजी में डीपीआईआईटी से मान्यता प्राप्त 13,000 से अधिक स्टार्टअप हैं। आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और रोबोटिक्स हब आर्टपार्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रघु धर्मराजू ने कहा, ‘कभी-कभी जब हम अपने मॉडल को उतारने की कोशिश करते हैं तो सबसे बड़ी चुनौती गुणवत्ता और संभावित ग्राहक के लिए उपयुक्त उत्पाद तैयार करने की रहती है। इस बारे में दिलचस्प अनुसंधान हो सकता है, लेकिन यह पता लगाने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है कि किस तरह का उत्पाद बनाया जाए और इसे कैसे लाभप्रद बनाया जाए।’

उन्होंने कहा कि इस यात्रा में एक और चुनौती यह देखना भी है कि इस अनुसंधान के लिए प्रतिभाशाली पेशेवर या टीमें अनिवार्य रूप से शोधकर्ता हों न कि उद्यमी। अभी तक 14 निवेश करने वाले डीप-टेक फंड स्पेशल इन्वेस्ट के जनरल पार्टनर अर्जुन राव ने धर्मराजू के विचारों से सहमति जताते हुए कहा, ‘इस बारे में पर्याप्त जागरूकता नहीं है कि (अकादमिक रिसर्च) से कमाई कैसे होगी, इसका उपयोग कहां किया जाएगा और इसके क्या-क्या एप्लीकेशन हो सकते हैं। उद्योग या उपयोगकर्ताओं के साथ जुड़ाव भी पर्याप्त नहीं है।’

एक और डीप-टेक निवेशक सीफंड के जनरल पार्टनर नरेंद्र भंडारी ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप कंपनियों को न केवल अगले 4-5 वर्षों की समस्याओं का समाधान तलाशना चाहिए, बल्कि उन्हें बुनियादी समस्याओं और मुद्दों को हल करने पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए उद्योग, शिक्षा जगत, उपयोगकर्ताओं, निवेशकों और सरकार के एक साथ आने पर भी जोर दिया।

First Published - April 3, 2025 | 11:53 PM IST

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