जूते-चप्पल जैसे फुटवियर उत्पादों के बड़े व मझोले स्तर के विनिर्माताओं और सभी आयातकों को एक जुलाई से 24 उत्पादों के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानकों का पालन करना होगा। चीन जैसे देशों से खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों का आयात रोकने के लिए ये मानक लागू किए जा रहे हैं।
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि फिलहाल ये गुणवत्ता मानक बड़े व मझोले स्तर के विनिर्माताओं और आयातकों के लिए ही लागू किए जा रहे हैं लेकिन एक जनवरी, 2024 से छोटे स्तर के फुटवियर विनिर्माताओं के लिए भी इनका पालन करना अनिवार्य होगा।
उन्होंने कहा, ‘इस समयसीमा में आगे कोई और छूट नहीं दी जाएगी। गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) से गुणवत्तापूर्ण फुटवियर उत्पादों का घरेलू उत्पादन सुनिश्चित हो सकेगा और खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों के आयात पर भी लगाम लगेगी।’
सरकार ने अक्टूबर, 2020 में 24 फुटवियर एवं संबंधित उत्पादों के लिए क्यूसीओ को अधिसूचित किया था लेकिन बाद में इसकी समयसीमा तीन बार बढ़ाई जाती रही। इस बार भी फुटवियर विनिर्माता इसे आगे बढ़ाने की मांग कर रहे थे लेकिन सरकार ने इसे एक जुलाई से लागू करने का फैसला कर लिया है।
इन मानकों में फुटवियर बनाने में इस्तेमाल होने वाले चमड़े, पीवीसी और रबड़ जैसे कच्चे माल के अलावा सोल एवं हील के बारे में निर्देश दिए गए हैं। ये मानक रबड़ गम बूट, पीवीसी सैंडल, रबड़ हवाई चप्पल, दंगा-रोधी जूते आदि पर लागू होंगे।