विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने आज स्वीकार किया कि वह वित्तीय संकट के कारण मार्च 2020 से अगस्त 2024 के दौरान 427 करोड़ रुपये की सांविधिक देनदारी का भुगतान नहीं कर पाई है। इनमें 219.8 करोड़ रुपये का स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस), वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मद में 71.33 करोड़ रुपये और भविष्य निधि मद में 135.47 करोड़ रुपये का बकाया शामिल है।
विमानन कंपनी ने यह भी बताया कि पट्टेदारों का बकाया भुगतान नहीं करने, विमानों का समुचित रखरखाव नहीं होने और कुछ कलपुर्जे उपलब्ध नहीं होने की वजह से उसके 58 विमानों में से 36 ठप हैं।
स्पाइसजेट ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज दी गई जानकारी में ये खुलासे किए हैं। कंपनी पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिये 3,000 करोड़ रुपये जुटाने जा रही है। कंपनी ने इसके लिए प्रति शेयर 64.79 रुपये का आधार मूल्य तय किया है।
कानून के विशेषज्ञों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि जीएसटी की चोरी गंभीर अपराध है क्योंकि यह कर ग्राहकों से संग्रह किया गया मगर उसका भुगतान नहीं किया गया है। इसे अपराध माना जाता है और इसमें कम से कम 60 दिन की जेल हो सकती है। इसी तरह टीडीएस का भुगतान नहीं करने पर ब्याज के साथ पैसे का भुगतान किया जा सकता है।
रस्तोगी चैंबर्स के संस्थापक अभिषेक रस्तोगी ने कहा, ‘दंडात्मक प्रावधान कड़े हैं। इनमें से कुछ कर हैं ऐसे हैं जिन्हें संग्रह किया जाता है और उसका भुगतान करना आवश्यक है जैसे कि जीएसटी। पीएफ का भुगतान आपकी आय से किया जाता है।’
उक्त देनदारी के बारे में पूछे जाने पर पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा, ‘इसके लिए जिम्मेदार शीर्ष प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही जुर्माना और ब्याज लगाने का भी प्रावधान है। मेरा मानना है कि जब बकाये का भुगतान नहीं किया गया होगा तो जीएसटी का केंद्रीय प्राधिकरण इसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी होगी। यदि कार्रवाई में देर हो रही है तो यह पक्षपात का मामला हो सकता है। इससे पता चलता है कि कंपनी अपने आखिरी पड़ाव पर है।’
उक्त सांविधिक बकाये के अलावा कंपनी ने खुलासा किया है कि 15 सितंबर तक कर्मचारियों का 118.9 करोड़ रुपये का भी बकाया है जिसका भुगतान ताजा पूंजी जुटाने के बाद करने की योजना है।
स्पाइसजेट ने कहा है कि उस पर हवाईअड्डों का भी 290 करोड़ रुपये का बकाया है जिनमें से 150.3 करोड़ रुपये का भुगतान पैसे जुटाने के तुरंत बाद कर दिया जाएगा। कंपनी ने कहा कि वह नए विमानों को अपने बेड़े में शामिल करने के लिए 370 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
विमान क्षेत्र के शोधार्थी और एविएशन ब्लॉग ‘नेटवर्क थॉट्स’ के संस्थापक अमेय जोशी ने कहा, ‘सांविधिक अनुपालन खराब है मगर स्पाइसजेट इससे उबर सकती है बशर्ते उसके परिचालन को रोका न जाए। मगर स्पाइसजेट में निवेश पर विचार करने वाली किसी भी बड़ी कंपनी को इस बात की चिंता जरूर होगी कि बाद में कहीं दोबारा यह (बकाया) स्थिति न पैदा हो जाए।’
स्पाइसजेट ने बताया है कि उसके मुख्य वित्तीय अधिकारी आशिष कुमार ने इसी साल 15 जुलाई को इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह नई नियुक्ति के लिए उम्मीदवार तलाशने की प्रक्रिया जारी है। विमानन कंपनी में प्रवर्तक अजय सिंह और उनकी कंपनियों की 47.01 फीसदी हिस्सेदारी है।