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SEBI ने LIC को IDBI बैंक में पब्लिक शेयरहोल्डर माना, RBI ने हिस्सेदारी घटाने की रखी शर्त

SEBI ने LIC को IDBI बैंक में पब्लिक शेयरहोल्डर का दर्जा दिया और RBI ने आदेश दिया कि LIC दो साल में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 15 फीसदी या उससे कम करे।

Last Updated- August 24, 2025 | 5:05 PM IST
life insurance corporation (lic)
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने LIC को IDBI बैंक में बची हुई हिस्सेदारी के लिए पब्लिक शेयरहोल्डर की कैटेगरी में दोबारा शामिल होने की मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी बैंक के रणनीतिक विनिवेश पूरा होने के बाद मिली है। हालांकि, SEBI ने इसके साथ कुछ शर्तें भी लगाई हैं।

IDBI बैंक ने इस बारे में जानकारी BSE को दी है। बैंक ने बताया कि निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने उन्हें SEBI के इस फैसले की जानकारी दी है।

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LIC पर लगीं सख्त शर्तें

SEBI ने साफ कहा है कि LIC IDBI बैंक में अपने वोटिंग राइट्स 10% से ज्यादा इस्तेमाल नहीं कर पाएगी। इसके अलावा, LIC को बैंक के मामलों पर सीधे या परोक्ष तौर पर किसी तरह का नियंत्रण रखने की इजाजत नहीं होगी। यानी, LIC बैंक के फैसलों में दखल नहीं दे सकेगी।

SEBI ने यह भी तय किया है कि LIC को बैंक के साथ कोई खास अधिकार नहीं दिए जाएंगे, जैसे शेयरहोल्डर समझौते या अन्य विशेष सुविधाएं। साथ ही, LIC बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में न तो अपना प्रतिनिधि भेज सकेगी और न ही कोई नॉमिनी रख पाएगी। अगर LIC इन शर्तों का पालन नहीं करती, तो उसका पब्लिक शेयरहोल्डर का दर्जा अपने आप खत्म हो जाएगा।

इसके साथ ही, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी एक शर्त रखी है। RBI के मुताबिक, रणनीतिक विनिवेश पूरा होने के बाद LIC को अपनी बची हुई हिस्सेदारी दो साल के भीतर घटाकर 15% या उससे कम करनी होगी। अभी IDBI बैंक में केंद्र सरकार और LIC मिलकर करीब 95% हिस्सेदारी रखते हैं, जिसमें से 60.72% हिस्सेदारी बिक्री के लिए रखी गई है। बैंक ने बताया है कि योग्य खरीदारों ने ड्यू डिलिजेंस की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो सितंबर तक पूरी होने की उम्मीद है।

First Published - August 24, 2025 | 5:05 PM IST

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