रिलायंस पावर लिमिटेड ने देश के अक्षय ऊर्जा और भंडारण क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया है और 500 मेगावॉट/1,000 मेगावॉट प्रति घंटा बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) के लिए कांट्रैक्ट हासिल किया है। बिजली उत्पादन कंपनी ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि उसने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) से ऑर्डर हासिल किया है, जिसने देश की ऊर्जा भंडारण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए किए जा रहे अपने प्रयासों के तहत ई-रिवर्स नीलामी (ईआरए) आयोजित की थी।
यह देश में इस तरह के सबसे बड़े कांट्रेक्ट में से एक है जो 1,000 मेगावॉट/2,000 मेगावॉट प्रति घंटे के लिए बीईएसएस की एकल इकाइयों की व्यापक निविदा का हिस्सा है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि ये इकाइयां बिल्ड, ऑन और ऑपरेट (बीओओ) मॉडल के तहत परिचालित होंगी और इन्हें मांग के आधार पर इस्तेमाल के लिए तैयार किया गया है।
11 सितंबर को आयोजित इस नीलामी में रिलायंस पावर ने प्रति माह प्रति मेगावॉट 3.819 लाख रुपये के शुल्क की बोली लगाई थी। इस नीलामी की अन्य बोलीदाताओं में अवाडा एनर्जी, एक्मे क्लीनटेक, जेनसोल और इंडिग्रिड शामिल थीं।
यह कदम ऐसे समय सामने आया है जब भारत अपने ग्रिड में अक्षय ऊर्जा को शामिल करने और स्थिरता और कार्बन उत्सर्जन कम करने के अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जोरदार रूप से काम कर रहा है। इस परियोजना का डिलिवरी पॉइंट राजस्थान में 400 केवी फतेहगढ़ एटीएल पावर स्टेशन होगा जिसे बैटरी ऊर्जा भंडारण खरीद समझौते के 24 महीने के भीतर चालू होगा।