Realtors on unchanged repo rate: त्योहारों से पहले रीपो रेट में कटौती की उम्मीदें धरी की धरी रह गईं। आज यानी 9 अक्टूबर को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने लगातार 10वीं बार इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। हालांकि, रियल एस्टेट इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का कहना है कि यह निर्णय सेक्टर में स्थिरता बढ़ाने के लिए एक ‘विवेकपूर्ण कदम’ है।
रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद थी कि कैलेंडर वर्ष 2024 की चौथी तिमाही (Q4CY24) में होने वाली त्योहारी बिक्री को प्रोत्साहित करने और पिछली तिमाही में बिक्री में आई गिरावट को देखते हुए, रीपो रेट में कटौती मददगार साबित होती।
हीरानंदानी ग्रुप के फाउंडर और प्रबंध निदेशक (MD) डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने कहा, ‘जटिल भू-राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, RBI ने रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा है और ‘न्यूट्रल’ रुख अपनाया है। हालांकि, 25 बेसिस पॉइंट (bps) यानी 0.25% की कटौती से त्योहारी बिक्री में तेजी आ सकती थी और बाजार में सकारात्मकता बढ़ सकती थी। मौजूदा निर्णय आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक विवेकपूर्ण कदम है।’
क्रिसुमी कॉर्पोरेशन (Krisumi Corporation) के MD मोहित जैन ने कहा, ‘हालांकि रियल एस्टेट इंडस्ट्री ब्याज दरों में कमी की उम्मीद कर रही थी, मगर स्थिरता की स्थिति भी उद्योग के लिए एक बेहतर परिणाम है।’
इंटरनेशनल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक ग्रुप (ANAROCK Group) के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘रेपो रेट में कटौती बेहतर होती, लेकिन यह स्पष्ट है कि RBI को कई मैक्रो-इकोनॉमिक फैक्टर्स को ध्यान में रखना पड़ रहा है।’
ANAROCK के अनुसार, वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही (Q3CY24) में प्रमुख सात शहरों—मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR), पुणे, बेंगलूरु, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता—में औसत आवासीय कीमतें (average housing prices) सालाना आधार पर (Y-o-Y) लगभग 23 प्रतिशत बढ़कर 8,390 रुपये प्रति वर्ग फुट हो गईं। साथ ही, Q3CY24 में हाउसिंग सेलमें 11 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि नए घरों के बनने में सालाना 19 प्रतिशत की कमी आई।
हालांकि, इंडस्ट्री स्टेबिलिटी की स्थिति की उम्मीद कर रहा था, लेकिन RBI के इस निर्णय से किसी निगेटिव असर की भी आशंका नहीं है। इसके अलावा, स्थिर रेपो रेट से क्षेत्र में स्थिरता बढ़ने की उम्मीद है।
जेएलएल इंडिया के चीफ इकोनॉमिस्ट और रिसर्च हेड डॉ. समंतक दास ने कहा कि रेपो रेट में कटौती से रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा होता, खासकर त्योहारी सीजन में होमबायर्स की भावना को और बेहतर करने और उधारी लागत कम करने के लिए। हालांकि, मौजूदा स्थिति से बाजार की गति पर नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।
मुख्य अर्थशास्त्री और JLL में रिसर्च हेड और REIS इंडिया डॉ. सामंतक दास ने कहा कि दर में कटौती रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अनुकूल होगी, आगामी त्योहारी सीजन के साथ घर खरीदार की भावना को और बढ़ावा मिलेगा और उधार लेने की लागत कम होगी। रीपो रेट के बरकरार रहने से बाजार की मौजूदा गति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है।
कोलियर्स इंडिया के रिसर्च हेड विमल नादर ने कहा, ‘रेपो रेट में जारी स्थिरता से हाउसिंग रियल एस्टेट को त्योहारी सीजन में काफी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि होम लोन पर ब्याज दरें स्थिर रहने की संभावना है।’
नाहर ग्रुप की वाइस चेयरमैन और NAREDCO महाराष्ट्र की सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट, मंजू याज्ञिक ने कहा, ‘ब्याज दरों को स्थिर रखने से EMI किफायती रहेंगी, जिससे संभावित खरीदारों को निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलेगा, विशेष रूप से किफायती आवास क्षेत्र में। इसके अलावा, यह स्थिरता डेवलपर्स को कैश फ्लो में सुधार और प्रक्रिया में चल रहे प्रोजेक्ट्स की उधारी लागत कम करने में मदद करेगी।’
हीरानंदानी का मानना है कि डेवलपर्स उत्साहित हैं और त्योहारी सीजन में 10-15 प्रतिशत की बिक्री में वृद्धि का अनुमान लगा रहे हैं। बिक्री में वृद्धि के अनुमान को अनुकूल मानसून और कंजंप्शन और प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट से मजबूती मिल रही है। उन्होंने कहा, ‘RBI का फैसला मूल्य स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य का समर्थन करता है और बैलेंस्ड इकनॉमिक ग्रोथ सुनिश्चित करता है।’
रियल एस्टेट क्षेत्र के विशेषज्ञों को आने वाले महीनों में ब्याज दर में कटौती की उम्मीद है, जिससे इस क्षेत्र में गतिविधियों में वृद्धि होगी।
नादर ने कहा, ‘हालांकि RBI ने बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। लेकिन, ‘विथड्रावल ऑफ अकोमोडेशन’ से ‘न्यूट्रल’ की स्थिति में बदलाव, निकट भविष्य में ब्याज दरों में संभावित कटौती का स्पष्ट संकेत है।’
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के फाउंडर और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, ‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा हालिया दर कटौती ने भारत में भी ऐसी ही उम्मीदें जगा दी हैं, लेकिन घरेलू स्थिति अलग है, जहां केंद्रीय बैंक महंगाई दर को अपने टारगेट रेंज में मैनेज करने की प्राथमिकता दे रहा है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘जल्द ही रेट में कटौती की उम्मीद है जो लागू होने पर घरेलू खरीदारों और रियल एस्टेट डेवलपर्स दोनों को बाजार में अवसरों का लाभ उठाने और ओवरआल इकनॉमिक ग्रोथ को मजबूत करने में मदद करेगी।’
जैन ने कहा, ‘आने वाले महीनों में संभावित दर कटौती की उम्मीद से रियल एस्टेट बाजार में भी उत्साह बढ़ रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि अगले कुछ वर्षों में मांग की मजबूती बनी रहेगी।’