देश का ऑफिस मार्केट इस साल तेजी से बढ़ रहा है। 2025 की 9 महीने की अवधि के दौरान मुंबई और कोलकाता को छोड़कर सभी प्रमुख भारतीय शहरों में ऑफिस की कुल मांग 28 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है। तीसरी तिमाही में दूसरी तिमाही की तुलना में ऑफिस की मांग करीब 40 फीसदी बढ़ गई। साथ ही तीसरी तिमाही में दिल्ली-एनसीआर का ऑफिस मार्केट में दबदबा रहा। हालांकि पहले 9 माह के दौरान सबसे अधिक मांग बेंगलूरु में ही दर्ज की गई।
संपत्ति सलाहकार फर्म जेएलएल इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 2025 की जनवरी-सितंबर अवधि के दौरान देश के 7 प्रमुख शहरों में ऑफिस की मांग 398.5 लाख वर्ग फुट दर्ज की गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 310.3 लाख वर्ग फुट मांग से 28.4 फीसदी ज्यादा है। तिमाही आधार पर तो ऑफिस की मांग में और भी अधिक वृद्धि हुई । इस साल तीसरी तिमाही में ऑफिस की मांग 157.6 लाख वर्ग फुट रही, जो दूसरी तिमाही की मांग 113.1 लाख वर्ग फुट से 39.85 फीसदी अधिक है।
जेएलएल के मुख्य अर्थशास्त्री और भारत में अनुसंधान एवं आरईआईएस प्रमुख डॉ. स्यमंतक दास ने कहा कि भारत का ऑफिस मार्केट तेज गति से बढ़ रहा है और यह इस साल के पहले 9 महीने में करीब 400 लाख वर्ग फुट तक पहुंच गया, जो इस अवधि के लिए अब तक का रिकॉर्ड है। ऑफिस मार्केट में 200 लाख वर्ग फुट के साथ सबसे अधिक हिस्सेदारी जीसीसी की रही। इस अवधि में जीसीसी मांग में साल दर साल 12.8 फीसदी इजाफा हुआ। घरेलू और वैश्विक दोनों फर्मों ने इस साल के 9 महीनों में ही अपने पिछले साल के कुल लीजिंग का 92 फीसदी हासिल कर लिया।
इस साल दिल्ली-एनसीआर ने ऑफिस मांग में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। सालाना आधार पर साल के पहले 9 माह के दौरान दिल्ली-एनसीआर में ऑफिस मांग 49.9 फीसदी बढ़कर 98.9 लाख वर्ग फुट हो गई। तिमाही आधार पर तीसरी तिमाही में यह 65.4 फीसदी बढ़कर 38.8 लाख वर्ग फुट दर्ज की गई। यह मांग तीसरी तिमाही में किसी भी शहर की तुलना में सबसे अधिक है। इस तरह दिल्ली-एनसीआर ने बेंगलूरु को पीछे छोड़ दिया।
हालांकि 2025 की जनवरी-सितंबर अवधि में कुल मांग में सबसे अधिक हिस्सेदारी बेंगलूरु की रही। इस अवधि में बेंगलूरु में ऑफिस मांग 31.1 फीसदी वृद्धि के साथ सबसे अधिक 105.5 लाख वर्ग फुट दर्ज की गई। साल के पहले 9 माह के दौरान 7 प्रमुख शहरों में कोलकाता और मुंबई दो ऐसे ऑफिस मार्केट रहे, जिनमें ऑफिस की मांग में गिरावट दर्ज की गई।