प्रमुख रियल एस्टेट कंपनियां अपनी संभावित परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में काफी सतर्क रुख अपना रही हैं ताकि रिहायशी श्रेणी में बिना बिके मकानों का अधिक स्टॉक न होने पाए। इन दिनों बाजार में गिरावट के मद्देनजर खरीदार और निवेशक जमीन-जायदाद मद में अपने खर्च फिलहाल टाल रहे हैं।
रियल एस्टेट बाजार पर नजर रखने वालों और डेवलपरों ने कहा कि मुंबई, गुरुग्राम एवं कुछ अन्य क्षेत्रों में आगामी महीनों के दौरान बाजार गतिविधियों में सुस्ती दिख सकती है। हालांकि कोविड महामारी के समय की अटकी मांग के कारण 2023 और 2024 में रिहायशी परियोजनाओं और बिक्री में तेजी दर्ज की गई थी। आंतरिक सूत्रों ने उम्मीद जताई है कि डेवलपर अपनी स्टॉक और उसे खपाने के लिए बाजार की क्षमता का जायजा लेने के बाद ही कोई नई पहल करेंगे।
गुरुग्राम की कंपनी पायनियर अर्बन लैंड ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के मुख्य परिचालन अधिकारी राकेश बोहरा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘गुरुग्राम का रियल एस्टेट बाजार नकदी के प्रति काफी संवेदनशील है। इसलिए शेयर बाजार में गिरावट आने अथवा अनिश्चितता बढ़ने पर प्रॉपर्टी की बिक्री रफ्तार भी सुस्त पड़ जाती है। फिलहाल खरीदार और डेवलपर दोनों ही सतर्क हैं। यह कोई मंदी का संकेत नहीं है बल्कि बाजार की स्थितियों का आकलन किया जा रहा है। इससे डेवलपर यह तय कर सकेंगे कि ग्राहकों की जरूरतों के अनुरूप सोच-समझकर तैयार की गई परियोजनाएं भी बाजार में आएं।’
प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर डीएलएफ ने भी पिछली तिमाहियों या पिछले साल के मुकाबले बिक्री में कमी आने की चेतावनी दी है। डीएलएफ के चेयरमैन राजीव सिंह ने हाल में निवेशकों से बातचीत में कहा, ‘हमने यही बताया है कि बिक्री के सपाट रहने के लिए तैयार रहें।’ उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी अपनी परियोजनाओं को लॉन्च को करने की कोशिश करेगी लेकिन उसकी रफ्तार अस्थिर हो सकती है।
रियल एस्टेट विश्लेषकों और अनुसंधान फर्मों ने बताया कि 2025 की पहली तिमाही में पिछले वर्षों के मुकाबले बिक्री में नरमी दिखेगी। इसकी मुख्य वजह मकानों की कीमतों में तेजी, भू-राजनीतिक घटनाक्रमों के कारण निवेशकों के सतर्क रुख और भारतीय अर्थव्यवस्था की कुछ कमजोरियां हैं।
नाइट फ्रैंक इंडिया के कार्यकारी निदेशक मुदस्सिर जैदी ने कहा, ‘डेवलपर ऊंची कीमतों के कारण भूखंडों की खरीद में भी नरमी दिखा रहे हैं। इससे वित्त वर्ष 2027 में नई परियोजनाएं शुरू होने की रफ्तार भी सुस्त हो जाएगी। मगर वे उन परियोजनाओं पर नए सिरे से विचार करेंगे जिन्हें वित्त वर्ष 2026 में लाने की योजना है। जहां तक दिल्ली एनसीआर का सवाल है तो 2025 की पहली तिमाही में एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले लेनदेन की तादाद घटी है।’
अमेरिकी फर्म प्रॉपइक्विटी ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि जनवरी से मार्च 2025 के दौरान मुंबई, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता और पुणे सहित देश के शीर्ष नौ शहरों में मकानों की बिक्री 23 फीसदी घटकर 105,791 मकान रह गई। मुंबई में 36 फीसदी और हैदराबाद में 47 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
एनारॉक रिसर्च के अनुसार, 2025 की पहली तिमाही के दौरान देश के शीर्ष सात शहरों में 1,00,020 मकान लॉन्च किए गए। एक साल पहले यानी 2024 की पहली तिमाही में करीब 1,10,865 मकान लॉन्च किए गए थे। साल 2023 की पहली तिमाही में यह आंकड़ा करीब 1,09,570 मकानों का था। पहली तिमाही के आखिर में शीर्ष सात शहरों में बिना बिके मकानों का स्टॉक करीब 5,60,000 रहा।
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और आसमान छूती कीमतों के बीच 2025 की पहली तिमाही में देश के शीर्ष सात शहरों में मकानों की बिक्री एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 28 फीसदी कम हो गई है।’ एनारॉक रिसर्च के अनुसार, 2025 की पहली तिमाही में 93,280 से अधिक मकानों की बिक्री हुई जबकि 2024 की पहली तिमाही में यह आंकड़ा करीब 1,30,160 मकानों का था। साल 2023 की पहली तिमाही में करीब 1,13,770 मकानों की बिक्री हुई थी और 2022 की पहली तिमाही में यह आंकड़ा करीब 99,550 मकानों का था। इस प्रकार 2025 की पहली तिमाही में बिक्री पिछले चार वर्षों में सबसे कम रही।’
गुरुग्राम की प्रमुख रियल्टी कंपनी सिग्नेचर ग्लोबल के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, ‘पिछले छह महीनों के दौरान पूंजी बाजारों में गिरावट आई है और रियल एस्टेट बाजार संघर्ष कर रहा है। ऐसे में रियल एस्टेट के प्रति शेयर बाजार के निवेशक सतर्क रुख अपन रहे हैं। मगर लंबी अवधि में भारत की स्थिति दमदार दिख रही है। कुछ उतार-चढ़ाव वाले चक्र जरूर दिखेंगे लेकिन मंदी नहीं आएगी। रिहायशी श्रेणी में अधिक स्टॉक तैयार नहीं होगा लेकिन कीमतों में कुछ नरमी दिख सकती है। कई कंपनियां छूट आदि की पेशकश पहले ही शुरू कर चुकी है।’
मुंबई का बाजार
देश के प्रमुख रियल एस्टेट बाजार मुंबई में पिछले कुछ वर्षों से तेजी दिख रही है। मगर कुछ डेवलपरों ने तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) में संशोधन और सीआरजेड के 500 मीटर के दायरे में फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) पर पाबंदियां हटाए जाने के कारण अधिक आपूर्ति के बारे में आगाह किया है। उनका हना है कि इससे बांद्रा, खार, अंधेरी और जुहू जैसे इलाकों में नए सिरे से विकास वाली परियोजनाएं दिख सकती हैं।
पूर्वंकरा के मुख्य कार्याधिकारी (पश्चिम एवं वाणिज्यिक) रजत रस्तोगी ने कहा, ‘मुझे लगता है नरमी और स्थिरता की स्थिति देखेगी। कुल मिलाकर आपूर्ति में गिरावट आई है और संभवत: इसी वजह से मांग में गिरावट दिख रही है। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बाजार में तमाम तरह की पेशकश दिख रही हैं।’
मुंबई के एमआईसीएल ग्रुप के प्रबंध निदेशक मनन शाह ने कहा, ‘जब शेयर बाजार के निवेशक काफी कमाई कर लेते हैं तो वे अपने मकानों में निवेश करते हैं। मकानों का स्टॉक बढ़ना शुरू हो गया है और बिक्री धारणा पर उसका भी असर दिखेगा। इसलिए बिक्री में नरमी दिख सकती है।’
टाटा रियल्टी ऐंड इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी संजय दत्त ने पर्यावरणीय मंजूरियों में देरी और नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की ओर इशारा किया। उसमें कहा गया है कि पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र के 5 किलोमीटर के दायरे में 20,000 वर्ग मीटर से अधिक की परियोजना के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। इसके कारण कुछ संभावित परियोजनाओं को टाल दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘जहां तक बाजार परिदृश्य की बात है तो यह सही है कि हाल में मुंबई में थोड़ी नरमी दिखी है। मुझे लगता है कि निकट भविष्य में सब ठीक हो जाएगा। मगर भूखंडों के बढ़ते दाम और मंजूरी की लंबी प्रक्रिया जैसी चुनौतियां बरकरार है। इसलिए मांग में स्थिरता दिख सकती है।’
लक्जरी का चलन
डेवलपरों ने इस रुझान में भी बदलाव की बात कही जहां लक्जरी मकानों की बिक्री बढ़ने से नरमी में कमी आती है। डीएलएफ होम डेवलपर्स के संयुक्त प्रबंध निदेशक आकाश ओहरी ने कहा कि सही उत्पाद हमेशा ग्राहकों को आकर्षित करेगा क्योंकि वे अपनी जरूरतों के हिसाब से उपयुक्त परियोजनाओं की ओर रुख करेंगे। उन्होंने कहा, ‘हमें यह रुझान प्रीमियम एवं लक्जरी से लेकर सुपर लक्जरी तक सभी श्रेणियों और गुड़गांव, दिल्ली, चेन्नई, पंचकूला आदि तमाम शहरों में दिख रहा है।’ मुंबई में भी लग्जरी मकानों के खरीदारों के आकर्षित होने की उम्मीद है।