रियल एस्टेट उद्योग में इस साल आवास क्षेत्र की शुरुआत खराब रही, जबकि ऑफिस क्षेत्र की शुरुआत शानदार रही। इस साल की पहली तिमाही में मकानों की बिक्री में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। मकान कम बिकने के बावजूद इनकी कीमतों में इजाफा हुआ है। बिना बिके मकानों की संख्या में भी गिरावट आई है। इस साल की पहली तिमाही में ऑफिस की मांग में इजाफा हुआ है।
2025 की पहली तिमाही में कितने बिके मकान?
संपत्ति सलाहकार फर्म एनारॉक समूह की रिपोर्ट के अनुसार 2025 की पहली तिमाही में देश के 7 प्रमुख शहरों में 93,280 मकान बिके। पिछले साल की इसी तिमाही में 1.30 लाख मकान बिके थे। इस तरह इस साल की पहली तिमाही के दौरान सालाना आधार पर मकानों की बिक्री में 28 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। मकानों की नई आपूर्ति भी इस अवधि में 10 फीसदी घटकर एक लाख रह गई। हालांकि कुल आपूर्ति में कमी के बीच एनसीआर, बेंगलूरु और कोलकाता में आपूर्ति में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। एनसीआर में यह 53 फीसदी, बेंगलूरु में 27 फीसदी और कोलकाता में 26 फीसदी बढ़ी है।
किस शहर में कितने बिके मकान?
एनारॉक के मुताबिक 7 प्रमुख शहरों में मकानों की बिक्री सबसे ज्यादा हैदराबाद में 49 फीसदी घटकर 10,100 रह गई। एनसीआर में यह 20 फीसदी घटकर 12,520, सबसे बड़े मार्केट एमएमआर में 26 फीसदी घटकर 31,610, पुणे में 30 फीसदी घटकर 16,100, बेंगलूरु में 16 फीसदी घटकर 1,5000, कोलकाता में 31 फीसदी घटकर 5,650 और चेन्नई में 26 फीसदी घटकर 4,050 रह गई। एनारॉक समूह के चेयरमैन अनुज पुरी कहते हैं, “एमएमआर और पुणे की कुल मकानों की बिक्री में 51 फीसदी हिस्सेदारी रही। शीर्ष 7 शहरों हैदराबाद में बिक्री में सबसे अधिक 49 फीसदी और बेंगलूरु में सबसे कम 16 फीसदी गिरावट देखी गई।”
बिक्री घटने के बावजूद मकानों के बढ़े दाम
एनारॉक के मुताबिक शीर्ष 7 शहरों में औसत आवासीय संपत्ति की कीमतों में पिछले एक साल में उल्लेखनीय उछाल देखा गया। 2025 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर मकानों की कीमतों में 10 से 34 फीसदी इजाफा हुआ है। इसकी मुख्य वजह लक्जरी और अल्ट्रा-लक्जरी सेगमेंट में नई आपूर्ति में भारी वृद्धि और इनकी मजबूत मांग है। एनसीआर में सबसे ज्यादा 34 फीसदी मकान महंगे हुए है। इसके बाद 20 फीसदी दाम बेंगलूरु में बढ़े हैं।
बिना बिकी इन्वेंट्री में आई गिरावट
एनारॉक के अनुसार 2025 की पहली तिमाही में शीर्ष 7 शहरों में एक लाख से अधिक नई आपूर्ति के बावजूद इस साल की पहली तिमाही में सालाना आधार पर मकानों की इंवेट्री 4 फीसदी घटी है। 2025 की पहली तिमाही के अंत तक शीर्ष 7 शहरों में कुल उपलब्ध इन्वेंट्री लगभग 5.60 लाख यूनिट है। पुणे में इस साल की पहली तिमाही में बिना बिकी इन्वेंट्री पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में सबसे अधिक 16 फीसदी घटी है।
2025 में ऑफिस मार्केट की शानदार शुरुआत
रियल एस्टेट सलाहकार कॉलियर्स इंडिया के आंकड़ों के अनुसार देश के 7 प्रमुख शहरों में इस साल की पहली तिमाही यानी जनवरी-मार्च अवधि में ऑफिस स्पेस की मांग 15 फीसदी बढ़कर 159 लाख वर्ग फुट हो गई। पिछले साल की इसी अवधि में यह आंकड़ा 138 लाख वर्ग फुट था। कॉलियर्स इंडिया के मुताबिक पहली तिमाही में बेंगलूरु में ऑफिस स्पेस की मांग सालाना आधार पर 13 फीसदी बढ़कर 45 लाख वर्ग फुट, चेन्नई में 93 प्रतिशत बढ़कर 29 लाख वर्ग फुट, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 32 प्रतिशत बढ़कर 33 लाख वर्ग फुट, मुंबई में 16 प्रतिशत बढ़कर 22 लाख वर्ग फुट और पुणे में 50 प्रतिशत बढ़कर 12 लाख वर्ग फुट हो गई। हालांकि हैदराबाद और कोलकाता में ऑफिस स्पेस की मांग में गिरावट देखी गई है। हैदराबाद में यह 41 प्रतिशत घटकर 17 लाख वर्ग फुट और कोलकाता में 50 प्रतिशत की गिरावट के साथ एक लाख वर्ग फुट रह गई। कॉलियर्स इंडिया में ऑफिस सर्विसेज के प्रबंध निदेशक अर्पित मेहरोत्रा ने कहा कि 2025 में आगे भी मांग में तेजी जारी रहने की उम्मीद है। ऑफिस स्पेस की मांग को प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, विनिर्माण और बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं व बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्रों में अग्रणी कंपनियों की विस्तार योजनाओं से बल मिलेगा।