इस साल मकानों की बिक्री भले ही सुस्त पड़ गई हो, लेकिन प्रीमियम मकान (एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत) खूब बिक रहे हैं। इस साल की पहली छमाही में मकानों की कुल बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है,जबकि प्रीमियम मकानों की बिक्री में इजाफा हुआ है। इन मकानों की हिस्सेदारी भी तेजी से बढ़ी है और 60 फीसदी से ऊपर चली गई है।
2025 की पहली छमाही में कितने बिके मकान?
संपत्ति सलाहकार फर्म जेएलएल इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 2025 की पहली छमाही में 1,34,776 मकान बिके, जो पिछले साल की इसी छमाही में बिके मकानों की तुलना में 13 फीसदी कम है। पहली छमाही में शीर्ष 7 शहरों में चेन्नई ही एक मात्र ऐसा शहर जिसमें मकानों की बिक्री बढ़ी है। चेन्नई में मकानों की बिक्री 15 फीसदी बढ़कर 6,765 हो गई। मकानों की बिक्री में सबसे अधिक 29 फीसदी गिरावट कोलकाता में दर्ज की गई। इसके बाद दिल्ली-एनसीआर में 23 फीसदी, मुंबई और बेंगलूरु में बिक्री में 15-15 फीसदी गिरावट आई। हैदराबाद में 6 फीसदी और पुणे में 4 फीसदी कम मकान बिके। पहली छमाही में सालाना आधार पर भले ही मकान कम बिके हों, लेकिन इस साल की दूसरी तिमाही में मकानों की बिक्री में सुधार देखने को मिला है। पहली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही में मकानों की बिक्री 7 फीसदी बढ़कर 69,530 हो गई।
कुल बिक्री में गिरावट के उलट प्रीमियम मकानों की बिक्री बढ़ी
इस साल की पहली छमाही में मकानों की कुल बिक्री भले घटी हो, लेकिन प्रीमियम यानी एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत के मकानों की बिक्री में इजाफा हुआ है। जेएलएल इंडिया के मुताबिक पहली छमाही में कुल मकानों की बिक्री 13 फीसदी घटकर 134,776 रह गई, जबकि प्रीमियम मकानों की बिक्री 6 फीसदी बढ़कर 82,972 हो गई। जेएलएल इंडिया में मुख्य अर्थशास्त्री स्यमंतक दास ने कहा कि लग्जरी मकानों की बिक्री में लगातार वृद्धि खरीदारों की बढ़ती समृद्धि, बदलती जीवनशैली की आकांक्षाओं और बड़े मकानों की बढ़ती मांग का संकेत देती है। इस साल पहली छमाही में एक करोड़ रुपये और उससे अधिक मूल्य वाले मकानों की बिक्री वर्ष 2024 की पहली छमाही की तुलना में लगभग 6 फीसदी बढ़ी, जबकि इसी अवधि के दौरान एक करोड़ रुपये से कम मूल्य वाले मकानों की बिक्री में 32 फीसदी की बड़ी गिरावट देखने को मिली।
प्रीमियम मकानों की हिस्सेदारी बढ़कर हुई 62 फीसदी
प्रीमियम मकानों की बिक्री जोर पकड़ने के साथ ही कुल बिक्री में इन मकानों की हिस्सेदारी में बड़ा उछाल देखने को मिला है। 2024 की पहली छमाही में मकानों की कुल बिक्री में प्रीमियम मकानों की हिस्सेदारी 51 फीसदी थी, जबकि 2025 की पहली छमाही में यह तेजी से बढ़कर 62 फीसदी हो गई। प्रीमियम मकानों में 1.5 से 3 करोड़ रुपये कीमत के मकानों की सबसे अधिक 24 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके बाद एक से डेढ़ करोड़ कीमत के मकानों की 22 फीसदी, 3 से 5 करोड़ रुपये के मकानों की 10 फीसदी और 5 करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले मकानों की 6 फीसदी हिस्सेदारी है। 3 से 5 करोड़ रुपये कीमत वाले मकानों को छोड़कर बाकी प्रीमियम मकानों की हिस्सेदारी पिछले साल की पहली छमाही की तुलना में इस साल पहली छमाही में बढ़ी है। वहीं एक करोड़ रुपये से कम कीमत के मकानों की बिक्री और हिस्सेदारी दोनों में कमी आई है।
मकानों की कुल लॉन्चिंग में कमी, प्रीमियम की बढ़ी
जेएलएल इंडिया की इस रिपोर्ट के अनुसार 2025 की पहली छमाही में नये मकानों की लॉन्चिंग 3 फीसदी घटकर 1,54,086 रह गई। लेकिन 1 करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले मकानों की लॉन्चिंग पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2025 की पहली छमाही में 110 फीसदी बढ़ी। जेएलएल इंडिया में आवासीय सेवाओं के प्रमुख शिव कृष्णन ने कहा कि लॉन्च की गति में मंदी के बावजूद डेवलपर मौजूदा मांग के अनुरूप प्रीमियम परियोजनाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। 1 करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाली संपत्तियों की संख्या 2024 की पहली छमाही की तुलना में दोगुनी से भी अधिक हो गई, जो इस प्रीमियम श्रेणी में मजबूत मांग का परिणाम है। भारत के 7 प्रमुख शहरों में मकानों की कीमतें 2025 की दूसरी तिमाही में सालाना वृद्धि 5 से 17 फीसदी के बीच रही। आगे के परिदृश्य के बारे में जेएलएल की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 की पहली छमाही में मकानों की कीमतों में वृद्धि के कारण इनकी बिक्री में कमी आई है। कीमतों में यह वृद्धि जल्द ही कम हो सकती है। मकानों के दाम स्थिर होने पर शीर्ष 7 शहरों में इनकी अच्छी मांग बनाए रखने में मदद मिल सकती है।