इस साल पूरे त्योहारी सीजन के दौरान मुंबई के बाजारों में जमकर धूम रही। बाजारों में खरीदारों की खूब भीड़ रही। इस दौरान मुंबई प्रॉपर्टी में भी खरीदारों ने दिल खोलकर संपत्तियों की खरीदारी की। मुंबई में नवरात्रि और दिवाली के बीच संपति पंजीकरण (राजिस्ट्रेशन) पिछले साल की तुलना में 30 फीसदी अधिक हुआ।
नवरात्रि से शुरु हुए त्योहारी सीजन के दौरान मुंबई में 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच 12,602 संपत्तियों का पंजीकरण हुआ जबकि पिछले साल इसी अवधि में 9,659 घरों का पंजीकरण हुआ था।।इस दौरान राज्य के खजाने में संपत्ति पंजीकरण से कुल 1257 करोड़ रुपये का राजस्व जमा हुआ है। त्योहारी सीजन में प्रॉपर्टी की हुई जमकर खरीदारी से साल का दैनिक औसत पंजीकरण पिछले साल की 322 इकाई से 26 फीसदी बढ़कर 407 यूनिट हो गई।
संपत्ति सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया कि त्योहारी सीजन में सामान्य उछाल के अलावा उच्च बिक्री का कारण स्थिर ब्याज दरें एवं घर खरीदारों की बड़े घरों की तरफ बढ़ता रुझान रहा है। नवरात्रि ( 15 अक्टूबर से 23 अक्टूबर) के दौरान मुंबई में संपत्ति पंजीकरण में 37.4 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। इस साल नवरात्रि में कुल 4594 संपत्तियों का पंजीकरण हुआ जबकि पिछले साल नवरात्रि के दौरान 3343 इकाइयों का पंजीकरण हुआ था।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि मुंबई शहर ने संपत्ति पंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। जो उच्च मूल्य निवेश के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाता है। त्योहारी सीजन के शुरुआत से ही बेहतरीन रुझान मिल रहे थे जो कि आंकड़ों में सच साबित हुआ है। ताजा आंकड़ों को देखकर कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में मुंबई में प्रॉपर्टी की मांग और भी ज्यादा मजबूत होगी।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में त्योहारों की शुरुआत गणपत्ति आमगन से ही शुरु हो जाती है इस साल गणपति उसत्व के दौरान भी प्रॉपर्टी खरीदारी से महाराष्ट्र सरकार की खूब कमाई हुई। सरकार के खजाने में 1,124 करोड़ रुपये का राजस्व जमा हुआ था। सितंबर महीना भी मुंबई में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन और स्टाम्प ड्यूटी कलेक्शन के लिहाज से सबसे बेहतर रहा है।
पिछले साल के मुकाबले जहां 23 फीसदी से प्रॉपर्टी बुकिंग हुई थी और स्टांप ड्यूटी कलेक्शन 53 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी। महाराष्ट्र के पंजीयक महानिरीक्षक के आंकड़ों के मुताबिक मुंबई में सितंबर के दौरान कुल 10,602 संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन हुआ। इस प्रॉपर्टी पर स्टांप ड्यूटी से सरकार ने कुल 1,124 करोड़ रुपये हासिल किए।