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सोना हुआ सुस्त! दाम एक महीने के निचले स्तर पर, एक्सपर्ट बोले – अब बढ़त तभी जब बाजार में डर बढ़े

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें करीब $3,940 प्रति औंस पर टिक गई हैं। फेडरल रिजर्व की सख्त नीति और चीन के टैक्स फैसले से गोल्ड पर दबाव, लेकिन डर बढ़ा तो फिर चमकेगा सोना।

Last Updated- November 05, 2025 | 10:00 AM IST
Gold Prices

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की रफ्तार थम गई है। कीमतें लगभग एक महीने के निचले स्तर के आसपास टिक गई हैं। केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि अमेरिकी बैंक (फेडरल रिजर्व) अभी ब्याज दरें घटाने के मूड में नहीं है, इसलिए सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ गया है।

क्या गिरावट की वजह ब्याज दरों से जुड़ी है?

सोने की कीमतों में गिरावट की सबसे बड़ी वजह है कि अमेरिका में ब्याज दरें घटने की उम्मीद अब कम हो गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना करीब $3,940 प्रति औंस पर ट्रेड हो रहा है, जो अक्टूबर की शुरुआत के बाद सबसे निचला स्तर है।

अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि अब 2025 में शायद और ब्याज दरें नहीं घटेंगी। फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान के बाद दिसंबर में ब्याज दर में कटौती की संभावना 90% से गिरकर सिर्फ 69% रह गई है।

क्या चीन का फैसला भी असर डाल रहा है?

अजय केडिया के मुताबिक, चीन सरकार ने गोल्ड बेचने वालों को मिलने वाली टैक्स छूट खत्म कर दी है। इस फैसले से सोने की खरीदारी कम हो सकती है, क्योंकि अब रिटेलर को ज्यादा टैक्स देना होगा। उन्होंने बताया कि इसका असर खासकर एशियाई बाजारों में दिखेगा, जहां सोने की सबसे ज्यादा खपत होती है। इससे मांग घटने और कीमतों पर दबाव बढ़ने की संभावना है।

क्या अब भी सोने को मिलेगा सपोर्ट?

हालांकि, अजय केडिया का कहना है कि दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितता और बाजार में बढ़ते जोखिम के कारण निवेशक अब भी सोने को सुरक्षित निवेश (Safe Haven) मानते हैं। उनके मुताबिक, जब तक बाजार में डर और अस्थिरता बनी रहेगी, सोना निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद और सुरक्षित विकल्प बना रहेगा। यानी, अगर हालात बिगड़ते हैं, तो सोने की कीमतों में फिर से बढ़त देखने को मिल सकती है।

First Published - November 5, 2025 | 9:50 AM IST

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