वाडिया समूह की कंपनी बॉम्बे डाइंग मध्य मुंबई (Central Mumbai) में अपनी जमीन बेचने के लिए बातचीत कर रही है। कंपनी ने इसकी कीमत 5,000 करोड़ रुपये लगाई है।
रियल एस्टेट क्षेत्र के एक सूत्र ने बताया कि जमीन खरीदने की दौड़ में एक जापानी कंपनी सबसे आगे है। उन्होंने बताया कि इस जमीन पर वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए 20 लाख वर्ग फुट क्षेत्र विकसित किया जा सकता है। सौदे से मिली रकम का इस्तेमाल बॉम्बे डाइंग कर्ज कम करने और दूसरे कामों में करेगी।
कंपनी ने मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में 2,674 करोड़ रुपये का राजस्व आने और 3,456 करोड़ रुपये का शुद्ध ऋण होने की बात कही थी। साल में उसे 517 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। विभिन्न कंपनियों और धर्मार्थ ट्रस्टों के जरिये समूह के पास Central Mumbai और आसपास के इलाकों में 700 एकड़ जमीन है।
संपर्क करने पर बॉम्बे डाइंग के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। मगर बॉम्बे डाइंग का शेयर बुधवार को 11.5 फीसदी बढ़त के साथ 123 रुपये पर पहुंच गया।
महामारी के दौरान एकदम नीचे गिरीं मध्य मुंबई रियल एस्टेट की कीमतें फिर चढ़ने लगी हैं। दक्षिण मुंबई को हवाई अड्डों से जोड़ने वाली मुंबई मेट्रो परियोजना और ट्रांस हार्बर सी लिंक जैसी अहम बुनियादी ढांचा परियोजनाएं भी अब पूरी होने को हैं।
एक रियल एस्टेट विश्लेषक ने कहा, ‘जमीन की और भी ऊंची कीमत मिल सकती है क्योंकि मध्य मुंबई में मांग बहुत है मगर जमीन कहीं नहीं है।’ उन्होंने कहा कि जमीन नहीं होने की वजह से इस समय मुंबई में करीब 12,000 पुनर्विकास परियोजनाएं चल रही हैं।
वित्त वर्ष 2023 में शीर्ष शहरों में जमीन के सौदों के मामले में मुंबई सबसे आगे रहा था। यहां 267 एकड़ से ज्यादा जमीन के 25 सौदे हुए थे। उसके बाद दिल्ली-एनसीआर में 274 एकड़ से अधिक जमीन के 23 सौदे हुए थे। सबसे ज्यादा क्षेत्रफल के सौदे चेन्नई में हुए। रियल एस्टेट फर्म एनारॉक से मिले आंकड़ों के अनुसार चेन्नई में 9 सौदों में करीब 292 एकड़ जमीन बेची गई।
एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘रियल एस्टेट के अंधाधुंध विकास के कारण जमीन की किल्लत हो गई है। इसलिए खरीदार प्रमुख जगहों पर जमीन का बेहतरीन टुकड़ा हासिल करने के लिए हरमुमकिन कोशिश कर रहे हैं।’
पुरी ने बताया, ‘पिछले वित्त वर्ष में भूमि सौदों में जबरदस्त तेजी आई है। वित्त वर्ष 2022 में ऐसे 44 सौदे हुए थे मगर वित्त वर्ष 2023 में 87 सौदे हुए। हालांकि क्षेत्रफल के लिहाज से इसमें महज 13 फीसदी की वृद्धि हुई। इससे पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023 में कई सौदे जमीन के छोटे टुकड़ों के लिए हुए।’ ज्यादातर जमीन रिहायशी परियोजनाओं के लिए खरीदी गई है।