एशिया पेसिफिक (APAC) रीजन में लॉजिस्टिक रेंटल वृद्धि के मामले में भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इस साल की पहली छमाही के दौरान भारत ने लॉजिस्टिक रेंटल वृद्धि के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है। इस रीजन के प्रमुख शहरों में शामिल भारत के शहरों में जहां लॉजिस्टिक रेंटल में इजाफा हुआ है, वहीं चीन के शहरों में गिरावट आई है। चीन के शहरों में लॉजिस्टिक रेंटल में गिरावट के कारण ही एशिया पेसिफिक रीजन में लॉजिस्टिक रेंटल वृद्धि दर सुस्त रही है। इस साल की पहली छमाही में सालाना आधार पर इस रीजन में रेंटल 2.4 फीसदी बढ़ा, जबकि 2023 की पहली छमाही में सालाना आधार पर यह 6.2 फीसदी बढ़ा था।
लॉजिस्टिक रेंटल वृद्धि में दिल्ली-एनसीआर टॉप-10 में शामिल
एशिया पेसिफिक रीजन में लॉजिस्टिक रेंटल वृद्धि मामले में भारत के दिल्ली-एनसीआर ने अच्छा प्रदर्शन किया है। संपत्ति सलाहकार फर्म Knight Frank’s Asia-Pacific Logistics Highlight H1 2024 नाम से जारी रिपोर्ट के अनुसार 2024 की पहली छमाही में एशिया पेसिफिक में औसत लॉजिस्टिक रेंटल में सालाना आधार पर 2.4 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई। भारत के दिल्ली-एनसीआर में यह वृद्धि 3 फीसदी रही, जो एशिया पेसिफिक रीजन की औसत रेंटल वृद्धि से अधिक है। इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर 8 वीं रैंक के साथ इस रीजन के टॉप-10 शहरों में शामिल रहा। दिल्ली-एनसीआर के साथ ही भारत के मुंबई और चेन्नई शहरों में लॉजिस्टिक रेंटल वृद्धि ऐशिया पेसिफिक रीजन की औसत वृद्धि से थोड़ी ही कम रही। इन दोनों शहरों में लॉजिस्टिक रेंटल में सालाना आधार पर 2.3 व 2.3 फीसदी इजाफा हुआ, जो एशिया पेसिफिक रीजन की औसत वृद्धि 2.4 फीसदी से थोड़ी ही कम है। ऐशिया पेसिफिक में लॉजिस्टिक रेंटल वृद्धि मामले में मुंबई 11 वे और बेंगलूरु 12 वें पायदान पर रहा। 2024 की पहली छमाही में दिल्ली-एनसीआर में लॉजिस्टिक रेंटल का किराया 20.80 रुपये, मुंबई में 23.60 रुपये और बेंगलूरु में 22 रुपये प्रति वर्ग फुट प्रति महीना दर्ज किया गया।
भारत के शहरों में आगे भी लॉजिस्टिक रेंटल में बनी रहेगी वृद्धि
नाइट फ्रैंक की इस रिपोर्ट के मुताबिक विनिर्माण और 3PL क्षेत्रों से मजबूत मांग के कारण साल 2024 के शेष समय के लिए लॉजिस्टिक रेंटल का मौजूदा स्तर बने रहने की उम्मीद है। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, “सरकार के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर ध्यान देने से इस सेक्टर में मांग बढ़ रही है। परंपरागत के साथ थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स ( 3PL) क्षेत्र ने समग्र लॉजिस्टिक सेक्टर को मजबूत किया है। वेयरहाउसिंग बाजार में मजबूत निजी इक्विटी प्रवाह से उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाओं की उपलब्धता और भारतीय वेयरहाउसिंग परिदृश्य में नवीनतम प्रक्रियाओं को अपनाने के माध्यम से लॉजिस्टिक्स वातावरण को लाभ मिलना जारी रहने की उम्मीद है।
भारत के शहरों ने चीन के शहरों को पछाड़ा
एशिया पेसिफिक रीजन में लॉजिस्टिक रेंटल वृद्धि मामले में भारत के शहर चीन के शहरों से आगे रहे। नाइट फ्रैंक की इस रिपोर्ट के अनुसार इस रीजन के 17 प्रमुख शहरों में भारत के दिल्ली-एनसीआर, मुंबई व बेंगलूरु शहर शामिल रहे। इन तीनों ही शहरों में लॉजिस्टिक रेंटल में इजाफा हुआ, जबकि चीन के बीजिंग, शंघाई और हांगकांग शहर शामिल थे। इन तीन शहरों में से दो में लॉजिस्टिक रेंटल में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। बीजिंग में लॉजिस्टिक रेंटल में 8.6 फीसदी और शंघाई में 15 फीसदी गिरावट आई। हालांकि चीन के हांगकांग में रेंटल 3.3 फीसदी बढ़ा। इस रिपोर्ट में आगे चीन के इन तीनों ही शहरों में रेंटल में कमी आने का अनुमान लगाया गया है, जबकि भारत के शहरों में मौजूदा स्तर बने रहने की संभावना जताई गई है। ऐशिया पेसिफिक रीजन के लॉजिस्टिक रेंटल में सबसे अधिक 10.8 फीसदी वृद्धि सिंगापुर में दर्ज की गई। इस रीजन के 17 प्रमुख शहरों में से 13 में लॉजिस्टिक रेंटल में इजाफा हुआ, जबकि 3 में कमी दर्ज की गई।