फिलीपींस के बाजार में उधारी गतिविधियों में प्रवेश करने के बजाज फिनसर्व के आवेदन को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने खारिज कर दिया है।
फिलीपींस इस समय फाइनैंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बढ़ी निगरानी के तहत है और उसे आम तौर पर FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल देश के रूप में जाना जाता है। इसे देखते हुए रिजर्व बैंक ने आवेदन खारिज किया है।
इस मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा कि बजाज समूह ने फिलीपींस में उधारी कारोबार शुरू करने का प्रस्ताव किया था। इसके लिए कंपनी ने नियामक से मंजूरी मांगी थी। बहरहाल फिलीपींस ऐसा देश है, जो बढ़ी निगरानी के तहत आता है, इसकी वजह से नियामक इस प्रस्ताव के पक्ष में नहीं था।
FATF वैश्विक मनी लॉन्डरिंग और आतंकवाद को फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था है। कई सरकारों से बनी नीति निर्माण करने वाली संस्था है, जो धनशोधन और आतंकवाद को फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए नीति तैयार करता है।
ग्रे लिस्ट में शामिल देश में काम करने के लिए भारत की इकाई को अनुमति न देने का फैसला ऐसे समय आया है, जब FATF को इस साल के बाद के महीनों में भारत की समीक्षा करनी है।
इस सिलसिले में बजाज फिनसर्व को भेजे गए मेल की उचित प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।
भारत 2010 से FATF का सदस्य है। इसका अभी चौथे दौर का पारस्परिक मूल्यांकन नहीं हुआ है। कोविड-19 महामारी और एफएटीएफ के आकलन प्रक्रिया में ठहराव के कारण भारत का पारस्परिक मूल्यांकन 2023 के लिए टाल दिया गया। संभावित स्थलीय दौरा इस साल नवंबर में प्रस्तावित है, जिस पर व्यापक चर्चा जून, 2024 में होगी।
बजाज फिनसर्व, बजाज समूह की सभी वित्तीय सेवा गतिविधियों की होल्डिंग कंपनी है। बजाज फिनसर्व के तहत 7 कंपनियां- बजाज फाइनैंस, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस, बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस, बजाज फिनसर्व डायरेक्ट, बजाज फिनसर्व हेल्थ, बजाज हाउसिंग फाइनैंस और बजाज फाइनैंशियल सिक्योरिटीज शामिल हैं।
इनके अलावा बजाज फिनसर्व (बीएफएस) की 2 अन्य पूर्ण मालिकाना वाली सहायक इकाइयां बीएफएस ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी और बीएफएस वेंचर्स (BFSV) भी हैं। BFS को हाल में म्युचुअल फंड कारोबार के लिए नियामकीय मंजूरी मिली है।
बजाज फाइनैंस इस समूह की प्रमुख कंपनी है, जो उधारी का कारोबार करती है। यह गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी है। इसकी रणनीति और ढांचा बैंक जैसी है।
बजाज फिनसर्व ऋण मुक्त कंपनी है। इसका अतिरिक्त फंड (ग्रुप इन्वेस्टमेंट के अलावा) 31 दिसंबर 2022 को 18.2 अरब रुपये रहा है, जो 31 मार्च 2022 को 11.5 अरब रुपये था।