दिग्गज डिजिटल भुगतान कंपनी पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस का आज शेयर बाजार में पहला दिन बेहद निराशाजनक रहा। इसका शेयर 2,150 रुपये की निर्गम कीमत से 9 फीसदी नीचे सूचीबद्ध हुआ, जिस पर ऊंचे मूल्यांकन की चिंताओं और कंपनी के कारोबारी मॉडल पर संशय का असर पड़ा।
बीएसई पर सत्र आगे बढऩे के साथ ही शेयर में गिरावट भी बढ़ी और यह 20 फीसदी के लोअर सर्किट तक पहुंच गया, जिससे इसका कारोबार रोकना पड़ा। कारोबार फिर शुरू होने पर शेयर और गिरा तथा अंत में 27 फीसदी गिरकर 1,564 रुपये पर बंद हुआ। बंद होने की कीमत पर पेटीएम का मूल्यांकन 1.01 लाख करोड़ रुपये था, जो 18,300 करोड़ रुपये के आईपीओ में रखे गए 1.39 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन से करीब 38,000 करोड़ रुपये कम था।
ग्रे बाजार की हलचल ने संकेत दे दिया था कि यह शेयर अपनी निर्गम कीमत 2,150 रुपये के आसपास या मामूली गिरकर सूचीबद्ध हो सकता है। मगर भारी गिरावट ने निवेशकों को चौंका दिया। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था, जिसमें 14 लाख से अधिक खुदरा निवेशकों ने आवेदन किया था। ब्लैकरॉक और कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड समेत वैश्विक धन प्रबंधक इस आईपीओ के सबसे बड़े निवेशकों में शामिल थीं। सूचीबद्धता के दिन खराब प्रदर्शन से आईपीओ बाजार की तरफ रुझान कमजोर पड़ सकता है, जो इस साल अब तक 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रकम जुटा चुका है। पेटीएम का सुस्त आगाज जोमैटो और ऑनलाइन ब्यूटी रिटेलर नायिका की मूल कंपनी फैशन ई-कॉमर्स वेंचर्स जैसी अन्य स्टार्टअप की शानदार सूचीबद्धता से बिल्कुल अलग है। जोमैटो का शेयर अपने आगाज पर अपर सर्किट छू आया था और पहले दिन 66 फीसदी चढ़ा था। फैशन ई-कॉमर्स वेंचर्स का शेयर अपने पहले दिन निर्गम कीमत से करीब दोगुने पर पहुंच गया। इससे बड़े निर्गमों का कमजोर ट्रैक रिकॉर्ड भी सामने आता है। बड़ी सूचीबद्धताओं में पांच में से चार ने पहले दिन निवेशकों को नुकसान दिया है। पेटीएम का सूचीबद्धता के दिन का प्रदर्शन 6,000 करोड़ रुपये से अधिक के आईपीओ में सबसे खराब है। इससे पिछला रिकॉर्ड रिलायंस पावर के नाम था, जो फरवरी 2008 में अपने आगाज पर 17 फीसदी टूटा था।
पिछले सप्ताह पेटीएम के आईपीओ को महज 1.89 गुना अभिदान मिला था। आईपीओ के संस्थागत निवेशक हिस्से को 2.8 गुना अभिदान मिला, लेकिन करीब 80 फीसदी बोलियां विदेशी निवेशकों से आईं। कंपनी अभी लाभ में नहीं आई है और इसे वित्त वर्ष 2020 में 2,942 करोड़ रुपये तथा वित्त वर्ष 2021 में 1,701 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।
विश्लेषकों का कहना है कि कई कारोबारों में हाथ-पांव मारने के कारण पेटीएम वॉलेट को छोड़कर अन्य किसी कारोबार श्रेणी में अगुआ नहीं बन पा रही है।