अमेरिका की रेलवे फर्म वैबटेक कॉरपोरेशन ने फरवरी में देश के रेलवे क्षेत्र में सबसे बड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में से एक के तहत भारतीय रेलवे को 1,000 डीजल इंजनों की आपूर्ति करने की अपनी 10 साल की यात्रा का आधा हिस्सा पूरा किया था। डीजल को अतीत के अवशेष के रूप में देखे जाने की वजह से वैबटेक अब अपने उपकरण और प्रौद्योगिकी कार्यक्षेत्र – वैबटेक ट्रांजिट के जरिये देश भर में आधुनिक, तीव्र शहरी रेल परिवहन शुरू करने के सरकार के आक्रामक प्रयास का लाभ उठाने पर विचार कर रही है।
बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में वैबटेक ट्रांजिट के नवनियुक्त अध्यक्ष पास्कल श्वित्जर ने कहा कि पुर्जा-विनिर्माता और प्रौद्योगिकी समाधान फर्म भारत को अपने शीर्ष बाजार के रूप में देखती है। कंपनी जिन बाजारों को बड़े स्तर पर हासिल करना चाहती है, उन पर जोर देते हुए श्वित्जर ने कहा कि रेलवे शहरों और देशों के भविष्य के लिए एक बड़ा समाधान है। आप पश्चिमी यूरोप में रेल में काफी विकास देखते हैं और आप भारत में भारी वृद्धि देख रहे हैं। आप उत्तरी अमेरिका में भी विकास देख रहे हैं। इसलिए प्रौद्योगिकी समाधानों की अग्रणी प्रदाता बनने की हमारी बड़ी महत्वाकांक्षा है।
वर्ष 2022 में वैबटेक ट्रांजिट इंडिया ने 1,900 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया था और अब यह अगले तीन साल में इस राशि को बढ़ाकर 2,500 से 2,600 करोड़ रुपये तक करने की योजना बना रही है। प्रबंध निदेशक अजय मणि के अनुसार ऑर्डरों के मौजूदा संयोजन में 90 प्रतिशत कार्य भारतीय रेलवे से संबंधित हैं, जबकि शेष अन्य शहरी रेल परियोजनाओं के लिए है। अन्य पुर्जों के अलावा कंपनी ब्रेक प्रणाली, कप्लर्स, हाई-रीच पेंटोग्राफ, यात्री सूचना प्रणाली और इवेंट लॉगर आदि के कारोबार में काम लगी हुई है।
अब यह हर संभावित मेट्रो और शहरी रैपिड रेल परियोजना में अपनी मौजूदगी का विस्तार करते हुए इस ऑर्डर संयोजन को फिर से व्यवस्थित करना चाह रही है। श्वित्जर ने कहा कि मेरा मानना है कि वैबटेक ट्रांजिट भारत में हमारे तकनीकी कारोबार का मुख्य संचालक बनी रहेगा। लेकिन फिर भी हमारे पास यह बहुत व्यापक पोर्टफोलियो है। हम डिजिटल समाधानों के मामले में हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं।
वैबटेक का ध्यान मुख्य रूप से होसूर, बद्दी, बहादुरगढ़ में अपने संयंत्रों और रोहतक की आगामी इकाई के जरिये पुर्जा विनिर्माण पर रहेगा। यह अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए बड़े अनुबंधों और कारोबारों के अधिग्रहण की संभावनाओं के लिए साझेदारी करने के लिए भी तैयार है।
उन्होंने कहा कि हमने जैव ईंधन, वैकल्पिक डीजल, तेल-गैस चालित इंजन में हाइड्रोजन के मिश्रण और हाइब्रिड बैटरी वाले रेल इंजन पेश करने के संबंध में प्रगति की है।
हां, शायद इस बात की संभावना न हो कि डीजल वाले पारंपरिक इंजन बेचे जाएं, लेकिन अब से एक दशक के दौरान तकनीक कहां होगी और उसके क्या अनुप्रयोग होंगे, यह भविष्य बताएगा। लेकिन मैं अपने माल ढुलाई कारोबार के भविष्य को लेकर बहुत आशान्वित हूं क्योंकि हम बेहद प्रासंगिक तकनीक विकसित कर रहे हैं।