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हमारा लक्ष्य 2032 तक 40 फीसदी ग्रीन और बाकी जीवाश्म का: NTPC

एनटीपीसी के एमडी गुरदीप सिंह ने क्षमता विस्तार योजनाओं, विकास योजनाओं के वित्त पोषण के लिए ऊर्जा के जीवाश्म और हरित स्रोतों के बीच संतुलन बनाने की रणनीति पर चर्चा की।

Last Updated- November 13, 2024 | 9:46 PM IST
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एनटीपीसी की हरित ऊर्जा से जुड़ी कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी अपने आईपीओ से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल पूंजीगत खर्च के लिए करेगी। एनटीपीसी (एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी की पैतृक कंपनी) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह ने अमृता पिल्लै के साथ बातचीत में क्षमता विस्तार योजनाओं, विकास योजनाओं के वित्त पोषण के लिए भविष्य में बाजार में आने और ऊर्जा के जीवाश्म और हरित स्रोतों के बीच संतुलन बनाने की रणनीति पर चर्चा की। बातचीत के मुख्य अंश:

आप आईपीओ से प्राप्त राशि को पूंजीगत व्यय के रूप में खर्च करने की योजना बना रहे हैं। दीर्घावधि में क्षमता बढ़ाने की योजना क्या है?

हमने वर्ष 2032 तक क्षमता बढ़ाकर 60 गीगावॉट तक पहुंचाने की योजना बनाई है। इसके लिए हमें करीब 3 से 3.5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। 9 गीगावॉट के मौजूदा चरण के लिए हमें करीब 1 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है। इसमें 20 प्रतिशत पूंजी जरूरत इस आईपीओ से पूरी हो जाएगी। संयंत्र चालू होने पर प्रति मेगावॉट 65 से 70 लाख रुपये का नकदी प्रवाह हासिल होगा।

आईपीओ की रकम का उपयोग पूंजीगत व्यय के रूप में किन क्षेत्रों में किया जाएगा?

हम आईपीओ से प्राप्त राशि का उपयोग मुख्य रूप से सौर ऊर्जा, कुछ मात्रा में पवन ऊर्जा तथा कुछ अपनी ऊर्जा भंडारण परियोजना के लिए करेंगे। ग्रीन हाइड्रोजन हब के लिए भी कुछ शुरुआती रकम की जरूरत होगी।

न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता नियम का पालन करने के लिए आपको एनटीपीसी की हिस्सेदारी घटाने की भी जरूरत होगी। इस बारे में क्या योजना है?

हां, हमें हिस्सेदारी घटानी होगी। हमें सार्वजनिक पेशकश के 25 प्रतिशत तक पहुंचना होगा। हम इसे हासिल करेंगे। ज्यादा संभावना है कि यह एक नई सीरीज (फ्रेश इक्विटी) के माध्यम से होगा। हम फिलहाल एनटीपीसी (प्रवर्तक कंपनी) की हिस्सेदारी में किसी कटौती की संभावना नहीं देख रहे हैं।

तो क्या नई सीरीज भविष्य के विकास, विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन पर आधारित होगी?

नई सीरीज और उससे प्राप्त रकम वृद्धि को मजबूत बनाने में किया जाएगा। मुख्य मुद्दा है नए निवेशकों के लिए अधिक मूल्य और प्रीमियम की राह बनाना। 19 गीगावॉट के ऑर्डर और 60 गीगावॉट की योजना के साथ लक्ष्य तक पहुंचने की कोशिश है।

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी को गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों – सौर, पवन, भंडारण और ग्रीन मोलीक्यूल के केंद्र के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है। ग्रीन हाइड्रोजन व्यवसाय की क्या स्थिति है?

हाइड्रोजन पर 60 गीगावॉट योजना के कुछ समय बाद जोर दिया जाएगा। 60 गीगावॉट परियोजना में से जैसे 5 से 7 गीगावॉट हाइड्रोजन व्यवसाय के लिए होगी। हालांकि, हम अब से तीन साल बाद पूरी तरह से हरित हाइड्रोजन पर काम करेंगे। तब पता चलेगा कि हाइड्रोजन का अर्थशास्त्र कैसा है।

एनटीपीसी ग्रीन की अपनी स्वयं की योजनाएं हैं और मूल कंपनी एनटीपीसी ने हाल में तीन थर्मल पावर इकाइयां लगाने के लिए अनुबंधों की बोली लगाई है। दोनों के बीच कैसा मिश्रण रहेगा?

देश की ऊर्जा जरूरतें बढ़ रही हैं। हम पहले 50-50 पर विचार कर रहे थे। हमें उसमें संशोधन करना पड़ा। 2032 तक हमें 60-40 के अनुपात पर पहुंच जाना चाहिए जिसमें 40 प्रतिशत ग्रीन है।

First Published - November 13, 2024 | 9:44 PM IST

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