देश की तीसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने आज कहा कि उसके सह-संस्थापक शिव नाडर ने निदेशक मंडल के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है और कंपनी की कमान अपनी बेटी रोशनी नाडर मल्होत्रा को सौंप दी है। हालांकि नाडर कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य रणनीतिक अधिकारी के बने रहेंगे।
मल्होत्रा को कंपनी के शीर्ष पद पर पदोन्नति देने की तैयारी 2013 से ही शुरू हो गई थी, जब केलॉग ग्रैजुएट स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से पढ़ाई करने वाली रोशनी को गैर-कार्यकारी निदेशक के तौर पर एचसीएल टेक के बोर्ड में शामिल किया गया था। अक्टूबर 2018 में उन्हें निदेशक मंडल का उपाध्यक्ष बनाकर कंपनी की कमान सौंपने का रास्ता साफ कर दिया गया था।
नाडर को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग की बुनियाद रखने वालों में शुमार किया जाता है। उन्होंने 1976 में अजय चौधरी और अर्जुन मल्होत्रा सहित पांच लोगों के साथ मिलकर एचसीएल शुरू की थी। कंपनी को मूल रूप से माइक्रोकॉम्प लिमिटेड के नाम से शुरू किया गया था जिसका नाम बाद में बदलकर हिंदुस्तान कंप्यूटर्स और फिर एचसीएल कर दिया गया।
एचसीएल टेक्नोलॉजीज के पूर्व मुख्य कार्याधिकारी और संपर्क फाउंडेशन के चेयरमैन विनीत नायर ने कहा, ‘शिव अपने आप में एक संस्थान हैं, जिन्होंने कई बेहतरीन संस्थान बनाए, जिसे खूब सराहा गया है।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि रोशनी के नेतृत्व में एचसीएल नई ऊंचाइयों को छुएगी।’
नाडर का एचसीएल का चेयरमैन पद छोडऩा भारतीय आईटी सेवा उद्योग में एक युग का अंत भी है, जहां बाहर के पेशेवर या मूल संस्थापक की दूसरी पीढ़ी ने संस्थापक के कंपनी छोडऩे के बाद कमान संभाली है। देश की पांच शीर्ष आईटी सेवा फर्मों में से इन्फोसिस अपवाद है, जहां अप्रत्याशित परिस्थितियों में कंपनी के सह-संस्थापक वापस गैर-कार्यकारी चेयरमैन के तोर पर बोर्ड में शामिल हुए हैं। जुलाई 2019 में विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी ने निदेशक मंडल के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त होने के बाद अपने बड़े बेटे रिशद प्रेमजी को कंपनी की कमान सौंप दी थी।
कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी सी विजयकुमार ने कहा, ‘यह कंपनी के उत्तराधिकार योजना का हिस्सा था। मुझे नहीं लगता कि रणनीति में कोई बदलाव होगा क्योंकि शिव मुख्य रणनीति अधिकारी की भूमिका में बने रहेंगे।’