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बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: MMRDA को ₹1,169 करोड़ चुकाने का आदेश, अनिल अंबानी की कंपनी को मिलेगा पैसा

बंबई हाईकोर्ट ने एमएमआरडीए को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की मेट्रो कंपनी एमएमओपीएल को ₹1,169 करोड़ भुगतान करने का निर्देश दिया, जिससे मेट्रो कर्ज चुकाने में मदद मिलेगी।

Last Updated- June 10, 2025 | 10:25 PM IST
Bombay High Court
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) को निर्देश दिया कि वह अनिल अंबानी की रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की सहायक कंपनी मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लिमिटेड (एमएमओपीएल) को 1,169 करोड़ रुपये का भुगतान करे।

न्यायालय ने एमएमआरडीए को 15 जुलाई से पहले अदालत की रजिस्ट्री के पास यह पैसा जमा करने का निर्देश दिया है। एमएमओपीएल का कहना है कि वह इस पैसे का इस्तेमाल अपना कर्ज कम करने के लिए करेगी। एमएमओपीएल वर्सोवा-अंधेरी-घाटकोपर कॉरिडोर के बीच मुंबई की पहली मेट्रो लाइन का संचालन कर रही है।

मामला अगस्त 2023 का है, जब एमएमओपीएल ने एमएमओपीएल और एमएमआरडीए के बीच परियोजना की लागत सहित विभिन्न विवादों के लिए तीन सदस्यीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण से 992 करोड़ रुपये का मध्यस्थता अवार्ड जीता था। एमएमआरडीए की वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार इस परियोजना की शुरुआती अनुमानित लागत 2,356 करोड़ रुपये थी। बाद में यह बढ़कर 4,321 करोड़ रुपये हो गई।   एमएमआरडीए ने इस फैसले को चुनौती दी थी और आर्बिट्रेशन ऐंड कंसीलिएशन ऐक्ट, 1996 की धारा 34 के तहत कार्यवाही शुरू की जिसे उच्च न्यायालय ने अब एमएमओपीएल के पक्ष में बरकरार रखा है।

एमएमओपीएल रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और एमएमआरडीए का संयुक्त उपक्रम है, जिसमें रिलायंस इन्फ्रा की 74 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि शेष एमएमआरडीए की है। मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना 2007 में रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम को एक पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (पीपीपी) व्यवस्था के तहत वैश्विक प्रतिस्पर्धी बोली के जरिये एमएमआरडीए ने प्रदान की थी। एमएमओपीएल एक विशेष संयुक्त उपक्रम है, जिसे परियोजना पर अमल के लिए बनाया गया था। एमएमआरडीए, मुंभी महानगर क्षेत्र में विकास गतिविधियों की योजना और समन्वय के लिए शीर्ष निकाय है।

यह देश में पीपीपी के आधार पर बनने वाली पहली मेट्रो परियोजना थी। इसमें लगभग 12 स्टेशनों के साथ लगभग 12 किलोमीटर ऊंचे मेट्रो की डिजाइन, फाइनैंस, निर्माण, संचालन और रखरखाव शामिल था।

इस परियोजना को केनरा बैंक के नेतृत्व में बैंकों के एक समूहने फाइनैंस किया गया था। कंसोर्टियम में अन्य बैंक इंडियन बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, आईडीबीआई बैंक और इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस कंपनी (यूके) शामिल थीं। हालांकि  नवंबर 2024 में कंसोर्टियम बोली प्रक्रिया के माध्यम से 1,226 करोड़ रुपये के ऋण बेचने की कोशिश कर रहा था।  मंगलवार को रिलायंस इन्फ्रा का शेयर बीएसई पर 404.40 रुपये पर बंद हुआ।

First Published - June 10, 2025 | 9:58 PM IST

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