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अधिग्रहण से मेट्रोपॉलिस को मिलेगी ताकत ऑन्कोलॉजी बाजार में बढ़ जाएगी हिस्सेदारी

गुरुग्राम में उसकी एनएबीएल तथा कैप-मान्यताप्राप्त प्रयोगशालाएं, हैदराबाद में रीजनल रेफरेंस लैब और पूरे भारत में सात सैटेलाइट लैब हैं।

Last Updated- December 22, 2024 | 9:46 PM IST
Metropolis will get strength from acquisition and its share in oncology market will increase अधिग्रहण से मेट्रोपॉलिस को मिलेगी ताकत ऑन्कोलॉजी बाजार में बढ़ जाएगी हिस्सेदारी

मेट्रोपॉलिस हेल्थकेयर (एमएचएल) ने गुरुग्राम की कोर डायग्नॉस्टिक्स में 247 करोड़ रुपये में 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का निर्णय लिया है। यह सौदा वित्त वर्ष 2023-24 की उद्यम वैल्यू (ईवी)/बिक्री का करीब 2.2 गुना और वित्त वर्ष 2026 के ईवी/एबिटा के 14 गुना पर हुआ है।

इस अधिग्रहण से मेट्रोपॉलिस को भारत में तेजी से बढ़ते ऑन्कोलॉजी बाजार में ऑन्कोलॉजी टेस्ट बिक्री में अपनी हिस्सेदारी 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने में मदद मिलेगी। एमएचएल के अनुसार कैलेंडर वर्ष 2023-28 के दौरान 17.5 प्रतिशत सालाना चक्रवृद्धि दर या सीएजीआर का अनुमान है। इससे कंपनी को उत्तर और पूर्वी भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

कंपनी प्रबंधन को उम्मीद है कि अगले 6-8 वर्षों में एबिटा और 9-10 वर्षों में पीएटी (कर के बाद लाभ) प्राप्ति होने लगेगी जबकि समेकन में 6-18 महीने का वक्त लगेगा। कोर का मौजूदा एबिटा मार्जिन निचले एक अंक में है। एमएचएल 136 करोड़ रुपये का नकद भुगतान करेगी और शेष 111 करोड़ रुपये का लेनदेन 5,19,270 के नए शेयरों से जुड़ा होगा।

यह अधिग्रहण जीनोमिक्स, ऑन्कोलॉजी, हिस्टोपैथोलॉजी और मोलीक्यूलर जांच जैसे विशेष परीक्षण क्षेत्रों में क्षमताएं हासिल करने के उद्देश्यों को पूरा करेगा और गैर-प्रमुख भौगोलिक क्षेत्रों में पहुंच बढ़ाएगा। कोर डायग्नॉस्टिक्स का सुपर स्पेशियल्टी ऑन्को टेस्ट से 70 फीसदी राजस्व भागीदारी के साथ ऑन्कोजीनोमिक्स में दबदबा है। कंपनी भारत के 200 शहरों में काम करती है।

गुरुग्राम में उसकी एनएबीएल तथा कैप-मान्यताप्राप्त प्रयोगशालाएं, हैदराबाद में रीजनल रेफरेंस लैब और पूरे भारत में सात सैटेलाइट लैब हैं। कंपनी 1,300 से ज्यादा हाई-एंड टेस्ट उपलब्ध कराती है और वह 6,000 स्पेशियल्टी प्रिस्क्राइबर (जिनमें 1,600 से ज्यादा कैंसर विशेषज्ञ शामिल हैं) से जुड़ी हुई है। उत्तर और पूर्वी भारत से मेट्रोपॉलिस का फिलहाल 12 प्रतिशत राजस्व आता है।

इन क्षेत्रों में कोर की मजबूत मौजूदगी मेट्रोपॉलिस को भौगोलिक पहुंच बेहतर बनाने में मदद करेगी। कोर के राजस्व में बी2सी (बिजनेस-टू-कंज्यूमर) की 51 फीसदी भागीदारी है जबकि फार्मा सपोर्ट प्रोग्राम का हिस्सा 15 प्रतिशत और बी2बी (बिजनेस टू बिजनेस) का योगदान 34 प्रतिशत है। राजस्व में स्पेशलाइज्ड टेस्ट का 85 प्रतिशत योगदान है।

इन खबरों से एमएचएल के शेयर में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ गई। सौदे से पहले एमएचएल का वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही का एबिटा ब्लूमबर्ग के अनुमान से 1 प्रतिशत कम था। राजस्व में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह अनुमानों के अनुरूप था।

मरीज और परीक्षण की संख्या में क्रमशः 7 प्रतिशत और 8 प्रतिशत की तेजी आई जबकि प्राप्तियों में 5-6 प्रतिशत का सुधार हुआ। बी2सी राजस्व (संस्थागत को छोड़कर) में सालाना आधार पर 21 प्रतिशत का इजाफा हुआ। राजस्व में उसकी 56 प्रतिशत हिस्सेदारी रही जो वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही के 52 प्रतिशत से अधिक है जबकि बी2बी व्यवसाय में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में सात प्रयोगशालाएं खोलीं। उसने वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में 180 से ज्यादा कलेक्शन सेंटर खोले। कंपनी उत्तर और पूर्वी भारत में कई विलय-अधिग्रहण अवसरों का आकलन कर रही है।

First Published - December 22, 2024 | 9:46 PM IST

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