देश में कार बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजूकी (Maruti Suzuki India- MSIL) का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2023 में 8,211 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2021-22 के दोगुने से अधिक है। इससे उत्साहित कंपनी ने देश में नया कारखाना लगाने का ऐलान कर दिया। इससे उसकी सालाना उत्पादन क्षमता में 10 लाख वाहनों का इजाफा होगा।
मारुति के चेयरमैन आरसी भार्गव ने आज संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल ने फिलहाल तय नहीं किया है कि नया प्लांट कहां स्थापित होगा और उस पर कितना निवेश किया जाएगा। फिलहाल कंपनी सालाना 22.5 लाख वाहन बना सकती है।
कंपनी का एक और प्लांट हरियाणा के खरखोदा में बन रहा है, जिसमें हर साल 10 लाख वाहन बन सकेंगे। नए प्लांट के लिए बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद कंपनी की योजना सालाना उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 42.5 लाख वाहन करने की है।
वित्त वर्ष 2023 में मारुति ने 19.7 लाख गाड़ियां बेची थीं, जो उससे पहले साल के मुकाबले 19 फीसदी ज्यादा थीं। भार्गव ने कहा कि कंपनी नया कारखाना बनाने के लिए रकम उधार नहीं लेगी और आंतरिक संसाधनों से ही धन जुटाएगी। कंपनी के पास 1 अप्रैल 2023 तक 45,000 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी थी।
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भार्गव ने कहा, ‘नए प्लांट के लिए काम खरखोदा प्लांट के साथ-साथ शुरू होगा। मगर खरखोदा में काम पहले पूरा हो जाएगा।’ निवेश के बारे में उन्होंने कहा, ‘नए प्लांट पर खरखोदा प्लांट के मुकाबले कुछ अधिक निवनेश होगा क्योंकि उसका काम कुछ समय बाद पूरा हो पाएगा। मगर दोनों में बड़ा अंतर नहीं होगा।’ कंपनी ने मई 2022 में कहा था कि वह खरखोदा प्लांट पर करीब 18,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
भार्गव ने कहा कि मारुति सुजूकी का कुल राजस्व 1 लाख करोड़ रुपये के पार जा चुका है। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि और कितनी भारतीय कंपनियों ने ऐसा प्रदर्शन किया है।’ उन्होंने कहा कि चिप किल्लत के कारण कंपनी पिछले वित्त वर्ष के दौरान 20 लाख से ज्यादा कार बेचने का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई थी। उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 2024 में भी किल्लत बनी रहेगी। जिस तरह के सुधार की हमें उम्मीद थी वैसा नहीं हो सका। चिप आपूर्ति के लिहाज से वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही सबसे खराब रही। मगर उम्मीद है कि अगली तिमाही में स्थिति बेहतर होगी।’
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भार्गव ने कहा कि चिप किल्लत के कारण वित्त वर्ष 2023 में कंपनी 1.70 लाख वाहन कम बना पाई। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए कंपनी ने करीब 8,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च की योजना बनाई है। वित्त वर्ष 2023 में पूंजीगत खर्च 6,329 करोड़ रुपये रहा।
भार्गव ने कहा कि कंपनी इस साल एक हाइब्रिड मॉडल उतारेगी, जिसे टोयोटा से लिया जाएगा। साल 2018 में सुजूकी मोटर कॉरपोरेशन (Suzuki Motor Corp) और टोयोटा मोटर कॉरपोरेशन (Toyota Motor Corp) ने अपने मॉडल एवं प्रौद्योगिकी साझा करने के लिए एक वैश्विक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
बिकने वाली गाड़ियों की संख्या की बात करें तो देसी बाजार में मारुति की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2023 में 41.3 फीसदी रही। भार्गव ने कहा कि कंपनी जल्द से जल्द इसे बढ़ाकर 50 फीसदी तक लाना चाहती है। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का निर्यात 8.8 फीसदी बढ़कर 2,58,333 वाहन हो गया।